मैया री मैया शारदे तोहे लाल रंग की चुनरिया सोहे

माँ सरस्वती, जो ज्ञान और संगीत की अधिष्ठात्री देवी हैं, जब लाल रंग की पावन चुनरिया धारण करती हैं, तो उनका रूप और भी मनमोहक लगने लगता है। “मैया री मैया शारदे तोहे लाल रंग की चुनरिया सोहे” भजन इसी भक्ति भाव को व्यक्त करता है, जहाँ भक्त माँ शारदे के सौंदर्य और उनकी दिव्य आभा का गुणगान करता है। यह भजन माँ सरस्वती की महिमा को नमन करते हुए उनकी कृपा की कामना करता है।

Maiya Ri Maiya Sharde tohe Lal Rang Ki Chunriya Sohe

मैया री मैया शारदे तोहे,
लाल रंग की चुनरिया सोहे।।

मस्तक मुकुट बाल घुंघराले,
माथे बिन्दिया सोहे,
मैया री मैया शारदे तोहें,
लाल रंग की चुनरिया सोहे।।

हीरा और मणि की माला,
कन्ठ मे जगमग होबे,
मैया री मैया शारदे तोहें,
लाल रंग की चुनरिया सोहे।।

कंगना मुदरी और करधनिया,
पग में पायल सोहे,
मैया री मैया शारदे तोहें,
लाल रंग की चुनरिया सोहे।।

कंचन रूप में ऊँचा आसन,
राजेन्द्र का मन मोहै,
मैया री मैया शारदे तोहें,
लाल रंग की चुनरिया सोहे।।

मैया री मैया शारदे तोहे,
लाल रंग की चुनरिया सोहे।।

गायक / प्रेषक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।

माँ शारदा का आशीर्वाद जीवन को प्रकाशमान करता है, और उनकी कृपा से विद्या, बुद्धि व संगीत का सागर मिलता है। यदि यह भजन आपकी श्रद्धा को और गहरा कर दे, तो बैठी हो माँ सामने कर सोलह श्रृंगार जैसे अन्य भक्तिगीत भी आपके भक्ति भाव को और प्रबल कर सकते हैं। जय माता दी! 🙏

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