मैंने सब कुछ पाया गुरुवर तेरा दर्शन पाना बाकी है

संसार की हर उपलब्धि तब तक अधूरी लगती है जब तक सतगुरु के दर्शन और उनकी कृपा का आशीर्वाद न मिले। “मैंने सब कुछ पाया गुरुवर तेरा दर्शन पाना बाकी है” भजन में एक भक्त की गहरी आकांक्षा व्यक्त होती है, जो यह समझ चुका है कि सच्ची संतुष्टि केवल गुरुदेव के चरणों में ही प्राप्त होती है। इस भजन को पढ़ते या करते समय, मन में गुरुदेव के प्रति प्रेम और दर्शन की तीव्र तड़प जागृत होती है।

Maine Sab Kuchh Paya Guruvar Tera Darshan Pana Baki Hai

मैंने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है,
मेरे घर में कोई कमी नहीं,
बस तेरा आना बाकी है।।

जो मेरे घर में आओगे,
मेरा घर तीरथ बन जाएगा,
मैं भी तर जाऊंगा गुरुवर,
जो आएगा तर जाएगा,
इज्जत शोहरत दौलत भी मिली,
मेहरों का खजाना बाकी है,
मैने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है।।

हर मुराद पूरी होती है,
गुरु तेरे ही दरबार में,
तेरे दर जैसा नहीं देखा,
मैंने दर कोई संसार में,
दर-दर की ठोकरें खाई हैं,
बस तेरा ठिकाना बाकी है,
मैने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है।।

गुरु भक्त तेरे भोले भाले,
सब तेरे शुक्रगुजार हैं,
तेरी कृपा से सब को मिली,
गुरु खुशियां अपरंपार है,
तर गए हैं लाखों भक्त तेरे,
सेवादार दीवाना बाकी है,
मैने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है।।

मैंने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है,
मेरे घर में कोई कमी नहीं,
बस तेरा आना बाकी है।।

गुरुदेव का सान्निध्य ही जीवन की सबसे बड़ी प्राप्ति है। उनकी कृपा से ही हमें आत्मिक शांति और मोक्ष का मार्ग मिलता है। यदि यह भजन आपके हृदय को छूता है, तो “पूरा ध्यान लगा गुरुवर दौड़े दौड़े आएंगे”, “हे गुरुवर अभिनन्दन है”, “गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना” और “गुरुवर के चरणों में मेरा है प्रणाम” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरु भक्ति में लीन हों।









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