माँ को जो भी पुकारेगा मन से भजन लिरिक्स

जब भक्त सच्चे मन से माँ को पुकारता है, तो माँ उसकी पुकार अवश्य सुनती हैं और उसे अपनी कृपा से नवाजती हैं। “माँ को जो भी पुकारेगा मन से” भजन माँ की अटूट ममता और उनके भक्तों के प्रति प्रेम को दर्शाता है। माँ कभी अपने भक्तों को अकेला नहीं छोड़तीं—उनका स्नेह और आशीर्वाद हर परिस्थिति में भक्त के साथ रहता है। यह भजन हमें माँ के प्रति अपने विश्वास को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है।

Maa Ko Jo Bhi Pukarega Man Se

माँ को जो भी पुकारेगा मन से,
दौड़ी आयेंगी मैया जतन से।।

सबका जीवन संवारेगी माता,
माता होती कभी न कुमाता,
उनका पूजन करो तन ओ मन से,
दौड़ी आयेंगी मैया जतन से।।

वो हैं माता दुखी दीन जन की,
आशा पूरी करें सबके मन की,
उनको करना न ओझल नयन से,
दौड़ी आयेंगी मैया जतन से।।

ध्यानू ने सच्चे मन से पुकारा,
शीश घोड़े का जोड़ा दोबारा,
‘राजेन्द्र’ उनको पुकारो लगन से,
दौड़ी आयेंगी मैया जतन से।।

माँ को जो भी पुकारेगा मन से,
दौड़ी आयेंगी मैया जतन से।।

गायक / गीतकार – राजेंद्र प्रसाद सोनी।

माँ की भक्ति में जो लीन हो जाता है, उसे हर कठिनाई से मुक्ति मिल जाती है और उसका जीवन आनंद से भर जाता है। माँ की कृपा सच्चे मन से पुकारने वाले पर सदा बनी रहती है। यदि यह भजन आपकी श्रद्धा को और गहरा कर दे, तो दादी इतनी किरपा करिये, दर पे आवता रवा जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी भक्ति को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ की महिमा अनंत है! जय माता दी! 🙏

Share

Leave a comment