माँ दुर्गा का लाल सिंह पर विराजमान होना उनकी शक्ति, साहस और भक्तों की रक्षा का प्रतीक है। “लाल सिंघा पे खेल रही मैया मेरी” भजन माँ की भव्यता और उनके अद्भुत स्वरूप का गुणगान करता है। जब माँ अपने सिंह पर सवार होकर संसार का कल्याण करती हैं, तब समस्त भक्तगण श्रद्धा से उनकी जय-जयकार करते हैं। यह भजन माँ की महिमा को भावनात्मक रूप से व्यक्त करता है, जिससे भक्तों के हृदय में भक्ति और भी गहरी हो जाती है।
Lal Singha Pe Khel Rahi Maiya Meri
लाल सिंघा पे खेल रही,
मैया मेरी।।
कंगना मुंदरी बुहटा पहने,
हाथ खप्पर ले खेल रही,
मैया मेरी।।
लट बिखराये मचल रही मैया,
जीभ लालइ निकाल रही,
मैया मेरी।।
खप्पर खड्ग लये हैं मैया,
नयना लालइ निकाल रही,
मैया मेरी।।
लाल सिंघा पे खेल रही,
मैया मेरी।।
गीतकार/गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
माँ दुर्गा अपने सिंह पर सवार होकर हर भक्त की रक्षा करती हैं और हर संकट का नाश करती हैं। जब भक्त सच्चे मन से माँ को पुकारता है, तो माँ उसकी रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहती हैं। यदि यह भजन आपकी भक्ति को और गहरा कर दे, तो आये आये आये तेरे द्वारे काली, खाली झोली भरदे मेरी शेरावाली जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी श्रद्धा को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ दुर्गा की कृपा हम सब पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म