कितना सोणा है दरबार भवानी तेरा ये सिणगार भजन लिरिक्स

माँ भवानी का दरबार उनकी दिव्यता और भक्तों के अटूट प्रेम का प्रतीक है। “कितना सोणा है दरबार भवानी तेरा ये सिणगार” भजन माँ के दरबार की अनुपम सुंदरता और भव्यता का गुणगान करता है। जब भक्त माँ के दर पर पहुंचते हैं, तो उनकी आत्मा भक्ति और श्रद्धा से भर जाती है। माँ की सजीव मूर्ति, जगमगाती ज्योत और भक्तों की गूंजती अरदास, सब मिलकर एक अलौकिक वातावरण बना देते हैं। यह भजन माँ की महिमा और उनके अद्भुत सिंगार को दर्शाने वाला एक भक्तिपूर्ण निवेदन है।

Kitna Sona Hai Darbar Bhavani Tera Ye Singar

कितना सोणा है दरबार,
भवानी तेरा ये सिणगार,
कितना सोणा हैं,
तेरा ये दरबार भवानी,
तेरा ये सिणगार,
कितना सोणा हैं,
ओ मैया तुमको,
किसने सजाया है,
तेरा सुंदर से सुंदर,
दरबार बनाया है।।

कोई लाया लाल चुनरिया,
कोई लाया पैजनियां,
कोई बिंदिया कंगन लाया,
कोई मोतियन हार,
कितना प्यारा है,
कितना प्यारा है दरबार,
भवानी तेरा ये सिणगार,
कितना सोणा है,
ओ मैया तुमको,
किसने सजाया है,
तेरा सुंदर से सुंदर,
दरबार बनाया है।।

सिंह सवारी माँ जगदम्बे,
तेरी शोभा अति प्यारी,
बलिहारी हुआ आज भक्त वो,
किया जिसने दीदार,
कितना प्यारा है,
कितना प्यारा है दरबार,
भवानी तेरा ये सिणगार,
कितना सोणा है,
ओ मैया तुमको,
किसने सजाया है,
तेरा सुंदर से सुंदर,
दरबार बनाया है।।

जगराते में भजन भाव की,
पावन गंगा बहती है,
करे प्रार्थना ‘चोखानी’ भी,
लगाके जै जैकार,
कितना प्यारा है,
कितना प्यारा है दरबार,
भवानी तेरा ये सिणगार,
कितना सोणा है,
ओ मैया तुमको,
किसने सजाया है,
तेरा सुंदर से सुंदर,
दरबार बनाया है।।

कितना सोणा है दरबार,
भवानी तेरा ये सिणगार,
कितना सोणा है,
तेरा ये दरबार भवानी,
तेरा ये सिणगार,
कितना सोणा है,
ओ मैया तुमको,
किसने सजाया है,
तेरा सुंदर से सुंदर,
दरबार बनाया है।।

Singer – Upasana Mehta

माँ भवानी का दरबार प्रेम, श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम है। उनके चरणों में आकर हर दुख दूर हो जाता है और भक्तों का मन आनंद से भर उठता है। यदि यह भजन आपकी भक्ति को और गहरा कर दे, तो शेरावालिये मुझे अपना बना ले जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी श्रद्धा को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ दुर्गा की कृपा हम सब पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

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