“कण कण में तेरा बसेरा है माता” भजन में भक्त माँ दुर्गा की महिमा का विस्तार से वर्णन करता है। इस भजन के माध्यम से भक्त यह महसूस करता है कि माँ का आशीर्वाद हर स्थान पर, हर कण में मौजूद है। वह यह मानता है कि माँ दुर्गा के बिना इस संसार का कोई भी तत्व अधूरा है। यह भजन श्रद्धा और आस्था से भरा हुआ है, जहां भक्त का विश्वास है कि माँ हर जगह हैं, हर कण में हैं, और हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।
Kan Kan Me Tera Basera Hai Mata
कण कण में तेरा बसेरा है,
कुछ भी नहीं है मेरा यहां माँ,
जो भी है तेरा है,
कण कण में तेरा बसेरा हैं।।
चंदा और सूरज तेरी दो,
आँखें हैं प्यारी,
सारा चराचर लहराये बन,
कर तेरी सारी,
ये धरा तेरे चरन,
सर का ताज ये गगन,
ऊष्मा तेरी अगन,
शीतलता तेरी पवन,
ये ब्रह्माण्ड हे,
माँ मुख तेरा है।
कण कण में तेरा बसेरा हैं।।
लता सुमन हैं माँ तेरे,
बालों का गजरा,
रात सुहानी है माँ तेरे,
आँखों का कजरा,
तेरे नयनों में सागर,
दिल में ममता की गागर,
सारे गुण की तू आगर,
जीवन करती उजागर,
झिलमिल सितारों का,
आँगन तेरा है।
कण कण में तेरा बसेरा हैं।।
दसों दिशायें हैं माँ,
तेरी दसों भुजायें,
उनचासों पवन लाती,
रंगीन फिजायें,
तेरी माया न जानूँ,
माँ तुझे न पहचानूँ,
तेरी शक्ति न मानूँ,
अज्ञानी है ये “ज्ञानू”,
तुझसे ही माँ ये,
साँझ सबेरा है।
कण कण में तेरा बसेरा हैं।।
कण कण में तेरा बसेरा है,
कुछ भी नहीं है मेरा यहां माँ,
जो भी है तेरा है,
कण कण में तेरा बसेरा हैं।।
लेखक / प्रेषक – ज्ञानेश सिंह”ज्ञानू गोपाल”
माँ दुर्गा के आशीर्वाद से ही हर जीवन में रौशनी आती है, और हर कठिनाई का समाधान होता है। यदि यह भजन आपके दिल में माँ के प्रति और श्रद्धा उत्पन्न करता है, तो हे माँ दुर्गा तू दीननाथ की शरण जैसे अन्य भजनों को भी सुनकर आप माँ के और करीब जा सकते हैं। जय माँ दुर्गा! 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩