जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए भजन लिरिक्स

गुरु के द्वार पर जाने मात्र से ही भक्त का जीवन धन्य हो जाता है। संसार के बंधनों से मुक्त होने का एकमात्र मार्ग सतगुरु की शरण में जाना ही है। जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए यह भजन हमें यह समझाने के लिए प्रेरित करता है कि जो भी श्रद्धा और समर्पण के साथ गुरु के द्वार पर जाता है, वह जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त कर लेता है।

Jo Gaye Guru Dware Bhav Se Par Ho Gaye Bhajan Lyrics

जो गए गुरु द्वारे,
भव से पार हो गए,
तू भी आजा गुरू द्वारे,
दिन दो चार रह गए।।

फँस नही जाना,
तू मोह माया में,
हुआ ना किसी का जमाना,
जग में आया तो कोई,
जतन करले,
तन ये पाया तो,
प्यारे प्रभू को भजले,
जाकर नरक मे क्यो तू,
यम की मार को सहे,
तू भी आजा गुरू द्वारे,
दिन दो चार रह गए।।

अब नही माना,
तो कब मानेगा,
कि आने को है बढ़ापा,
तेरे अपने ही,
तुझको मारेगे ताने,
होगी खासी फजीहत,
पर तू क्या जाने,
फिर पछिताए क्या होगा,
पँछी खेत खा गए,
तू भी आजा गुरू द्वारे,
दिन दो चार रह गए।।

गुरु चरणो में,
तू शीश झुकाले,
कि मिल जाएगा किनारा,
गुरू बिन कोई नही है,
इस जग मे सहारा,
जग मे सतगुरू ही है,
तारन हारा,
जो लिया गुरू सहारा,
भव से पार हो गए,
तू भी आजा गुरू द्वारे,
दिन दो चार रह गए।।

जो गए गुरु द्वारे,
भव से पार हो गए,
तू भी आजा गुरू द्वारे,
दिन दो चार रह गए।।

गुरु का आशीर्वाद ही भक्त को भवसागर से पार लगाने की शक्ति देता है। इसलिए हमें अपने हृदय में श्रद्धा रखनी चाहिए और सदैव गुरुचरणों में समर्पित रहना चाहिए। आगे “तेरी नौका में जो बैठा वो पार हो गया गुरुदेव”, “हरि नाम सुमरले बंदे जीवन को सफल बना ले”, “सोए को संत जगाए फिर नींद न उसको आए”, और “गुरुदेव चले आना एक बार चले आना” भजन भी पढ़ें और गुरु वचनों का अनुसरण करें।









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