भक्ति का सबसे पवित्र स्वरूप तब प्रकट होता है जब आत्मा अपने ईष्ट के प्रेम में लीन हो जाती है। जिसको पीकर नाची मीरा गुरुदेव भजन हमें उस दिव्य प्रेम और समर्पण की याद दिलाता है, जिसे संत मीरा ने अनुभव किया था। जब गुरुदेव हमें अपने ज्ञान और कृपा का अमृत प्रदान करते हैं, तब जीवन भी आनंद और भक्ति में नृत्य करने लगता है। आइए, इस भजन को पढ़कर अपने हृदय में भक्ति की ज्योत जलाएं।
Jisko Pikar Nachi Mira Gurudev Bhajan Lyrics
जिसको पीकर नाची मीरा,
नाचा दास कबीरा,
वही तुम हमे पिलादो।।
ओ नँगली वालिये,
दे दो हमे भी गुरु नाम रे,
नज़रो हमको अपनी,
कोई पिलादो ऐसा जाम रे,
पीकर जिसको हनुमत नाचा,
लँका सारी जला दी,
वही तुम हमे पिलादो।।
ओ हाराँ वालिये,
रँगलो प्रभू जी अपने रँग मे,
भर दो नशा तुम ऐसा,
आज मेरे अँग अँग मे,
जैसे दीप मे जले पतँगा,
प्रीत मे प्राण गँवाए,
वही तुम हमे पिलादो।।
आँखो मे तेरी सूरत,
मूरत बसादो तन मन मे,
दीप जलाके सतगुरू,
कर दो उजाला मेरे मन में,
जिसको पाने की खातिर,
में योगी भटके वन मे,
वही तुम हमे पिलादो।।
जिसको पीकर नाची मीरा,
नाचा दास कबीरा,
वही तुम हमे पिलादो।।
गुरुदेव की कृपा अमृत के समान है, जो पीने से आत्मा सच्चे आनंद का अनुभव करती है। जिस प्रकार मीरा ने अपने प्रभु में खुद को समर्पित कर दिया, वैसे ही हमें भी अपने गुरुदेव की शरण में रहना चाहिए। आगे “तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो”, “गुरुदेव तुम्हारे चरणों में बैकुंठ का वास लगे”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए” और “तेरी महिमा को न जानूं मैं गुरुदेव” जैसे भजनों को पढ़ें और गुरुदेव की कृपा का अनुभव करें।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩