भक्तों के लिए माँ भवानी केवल एक देवी नहीं, बल्कि स्नेह और वात्सल्य की मूर्ति हैं, जिनकी गोद में सारा संसार आनंद पाता है। “झूलो झूलो री भवानी पालना” भजन माँ की उसी मातृरूप को समर्पित है, जहाँ भक्त प्रेमपूर्वक माँ को पालने में झुलाते हैं और अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह भजन भक्त और माँ के बीच के उस मधुर संबंध को दर्शाता है, जहाँ माँ अपनी कृपा से भक्तों का जीवन संवारती हैं और उन्हें स्नेहभरे आशीर्वाद से नवाजती हैं।
Jhulo Jhulo Ri Bhavani Palna
झूलो झूलो री भवानी पालना,
झूलो झूलो री भवानी झूलना।।
माथे पे तोरे बिंदिया सजाऊँ,
हाथो में तेरे कांगना,
झूलो झूलो री भवानी झूलना।।
नाके पे तोरे नथुनी सजाऊँ,
कानों में तोरे फूलना,
झूलो झूलो री भवानी झूलना।।
कम्मर तोरे डोरा सजाऊँ,
पाँव में तेरे पेजना,
झूलो झूलो री भवानी झूलना।।
लाल चुनरिया तोहे सजाऊँ,
राजेन्द्र की न भूलना,
झूलो झूलो री भवानी झूलना।।
झूलो झूलो री भवानी पालना,
झूलो झूलो री भवानी झूलना।।
गीतकार / गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
जब माँ भवानी पालने में झूलती हैं, तो भक्तों के मन में भक्ति का आनंद उमड़ पड़ता है और पूरा वातावरण माँ की महिमा से गूंज उठता है। माँ की भक्ति से जीवन में शांति और सुख की वर्षा होती है। यदि यह भजन आपकी श्रद्धा को और गहरा कर दे, तो तोरे ऊँचे भुवन बने मात भवानी मोर नचत है बागों में जैसे अन्य माँ भवानी के भक्तिमय गीत भी आपकी भक्ति को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ भवानी की कृपा सभी पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩