जगदम्बे भवानी माँ तुम कुलदेवी मेरी भजन लिरिक्स

माँ जगदम्बे केवल सृष्टि की पालनहार ही नहीं, बल्कि हर भक्त की कुलदेवी भी होती हैं, जो अपने प्रेम और आशीर्वाद से संपूर्ण कुल का उद्धार करती हैं। “जगदम्बे भवानी माँ, तुम कुलदेवी मेरी” भजन माँ की महिमा और उनके अटूट स्नेह को समर्पित है। जब भक्त अपने कुल की रक्षा के लिए माँ की स्तुति करता है, तो माँ भवानी अपनी कृपा से संपूर्ण परिवार को सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। यह भजन श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।

Jagdambe Bhavani Maa Tum Kuldevi Meri

जगदम्बे भवानी माँ,
तुम कुलदेवी मेरी,
मैं तुम्हें मनाऊं माँ,
करो भूल माफ़ मेरी।।

जन्मों जन्मों से मां,
तेरा मेरा बन्धन,
जो कुछ भी पास मेरे,
करूं तुम को मैं अर्पन,
कर जोड़ करूं विनति,
मैंने सदा तू ही टेरी,
मैं तुम्हें मनाऊं माँ,
करो भूल माफ़ मेरी।।

अंनजान जमाने में,
तुझ बिन है कोन मेरा,
कर दया की दृष्टि मां,
मैं चाहूं प्यार तेरा,
करूणा मय कल्याणी,
ना करना अब देरी,
मैं तुम्हें मनाऊं माँ,
करो भूल माफ़ मेरी।।

मेरी चाहत छोटी सी,
तेरा दर्शन मैं पाऊं,
एक नज़र महर की हो,
ना ज्यादा कुछ चाहूं,
तुम हाथ रखो सर पे,
रहे दुर सदा बेरी,
मैं तुम्हें मनाऊं माँ,
करो भूल माफ़ मेरी।।

मेरे इस जीवन की,
डोरी तेरे हाथों में,
सुरेन्द्र सिंह के मां तुम,
आती रहो ख्वाबों में,
तुम सदा बसों मन में,
रहो रसना पे ठहरी,
मैं तुम्हें मनाऊं माँ,
करो भूल माफ़ मेरी।।

जगदम्बे भवानी माँ,
तुम कुलदेवी मेरी,
मैं तुम्हें मनाऊं माँ,
करो भूल माफ़ मेरी।।

गायक / प्रेषक – सुरेन्द्र सिंह निठौरा।

माँ भवानी केवल एक देवी नहीं, बल्कि हर भक्त के कुल की रक्षक और मार्गदर्शक हैं। उनकी भक्ति से जीवन सुखमय और सुरक्षित हो जाता है। यदि यह भजन आपकी श्रद्धा को और गहरा कर दे, तो अपनी शरण में रख लो माँ जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी भक्ति को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ भवानी की कृपा हम सब पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

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