इस योग्य हम कहाँ है गुरुवर तुम्हें रिझाए भजन लिरिक्स

गुरुदेव की कृपा अनंत और असीम होती है, लेकिन एक सच्चा भक्त हमेशा विनम्र रहता है और यह मानता है कि वह गुरु की भक्ति के योग्य नहीं। “इस योग्य हम कहाँ है गुरुवर तुम्हें रिझाए” भजन इसी भाव को प्रकट करता है, जहां भक्त अपने भीतर की विनम्रता और समर्पण को व्यक्त करता है। यह भजन हमें सिखाता है कि केवल गुरुदेव की दया से ही हम उनकी भक्ति का आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

Is Yogy Hm Kaha Hai Guruvar Tumhe Rijhaye Bhajan Lyrics

इस योग्य हम कहाँ है,
गुरुवर तुम्हें रिझाए,
फिर भी मना रहे है,
शायद तू मान जाए,
इस योग्य हम कहाँ हैं,
गुरुवर तुम्हें रिझाए।।

जब से जनम लिया है,
विषयों ने हमको घेरा,
छल और कपट ने डाला,
इस भोले मन पे डेरा,
सद्बुद्धि को अहम ने,
हरदम रखा दबाए,
इस योग्य हम कहाँ हैं,
गुरुवर तुम्हें रिझाए।।

निश्चय ही हम पतित है,
लोभी है स्वार्थी है,
तेरा ध्यान जब लगाए,
माया पुकारती है,
सुख भोगने की इच्छा,
कभी तृप्त हो ना पाए,
इस योग्य हम कहाँ हैं,
गुरुवर तुम्हें रिझाए।।

जग में जहाँ भी देखा,
बस एक ही चलन है,
एक दूसरे के सुख से,
खुद को बड़ी जलन है,
कर्मो का लेखा जोखा,
कोई समझ ना पाए,
इस योग्य हम कहाँ हैं,
गुरुवर तुम्हें रिझाए।।

जब कुछ ना कर सके तो,
तेरे चरण में आए,
अपराध मानते है,
झेलेंगे सब सजायें,
गोविन्द से अब मिला दो,
कुछ और हम ना चाहे,
इस योग्य हम कहाँ हैं,
गुरुवर तुम्हें रिझाए।।

इस योग्य हम कहाँ है,
गुरुवर तुम्हें रिझाए,
फिर भी मना रहे है,
शायद तू मान जाए,
इस योग्य हम कहाँ हैं,
गुरुवर तुम्हें रिझाए।।

गुरुदेव की भक्ति और शरण ही सच्चा सुख देती है। यदि यह भजन आपके मन में भक्ति का दीप जलाता है, तो “आओ गुरु नाम की महिमा गाए”, “गुरुवर के चरणों में मेरा है प्रणाम”, “सतगुरु चरणा कोलो कदे दूर हटावी ना” और “गुरुदेव की महिमा गाए चरणों में शिश नवाए” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरुदेव की कृपा में लीन हों।









Leave a comment