गुरुदेव तुम्हारे चरणों में बैकुंठ का वास लगे मुझको भजन लिरिक्स

“गुरुदेव तुम्हारे चरणों में बैकुंठ का वास लगे मुझको” भजन गुरु भक्ति की परम अनुभूति कराता है, जहाँ भक्त गुरुदेव के चरणों को ही मोक्ष का द्वार मानता है। यह भजन न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है बल्कि गुरु की महिमा का गान करते हुए, उनके चरणों में समर्पण का मार्ग दिखाता है।

Gurudev Tumhare Charno Me Baikunth Ka Bas Lage Mujhko Bhajan Lyrics

गुरुदेव तुम्हारे चरणों में,
बैकुंठ का वास लगे मुझको,
अब तो तेरे ही रूप में बस,
प्रभु का अहसास लगे मुझको,
गुरुदेव तुम्हारे चरणो में,
बैकुंठ का वास लगे मुझको।।

अमृत चरणों का देके मुझे,
पापी से पावन कर डाला
मेरे सर पर हाथ फिराकर के,
मुझे अपने ही रंग में रंग डाला,
इस जीवन की बिलकुल ही नई,
जैसे शुरुआत लगे मुझको,
गुरुदेव तुम्हारे चरणो में,
बैकुंठ का वास लगे मुझको।।

मैं किस पे भला अभिमान करूँ,
ये हाड़ मांस की काया है,
सोना चांदी हिरे मोती,
बस चार दिनों की माया है,
गुरुदेव ने ऐसा ज्ञान दिया,
दुनिया वनवास लगे मुझको,
गुरुदेव तुम्हारे चरणो में,
बैकुंठ का वास लगे मुझको।।

मैंने नाम गुरु का लिख डाला,
हर सांस पे हर एक धड़कन पर,
केवल अधिकार गुरु का है,
अब तो ‘शर्मा’ के जीवन पर,
गुरुदेव बिना कुछ भाता नहीं,
ऐसा आभास लगे मुझको,
गुरुदेव तुम्हारे चरणो में,
बैकुंठ का वास लगे मुझको।।

गुरुदेव तुम्हारे चरणों में,
बैकुंठ का वास लगे मुझको,
अब तो तेरे ही रूप में बस,
प्रभु का अहसास लगे मुझको,
गुरुदेव तुम्हारे चरणो में,
बैकुंठ का वास लगे मुझको।।

गुरुदेव के चरण ही सच्चा बैकुंठ हैं, जहाँ उनकी कृपा से जीवन की समस्त उलझनें समाप्त हो जाती हैं। “गुरुदेव तुम्हारे चरणों में बैकुंठ का वास लगे मुझको” भजन इसी भाव को उजागर करता है। अन्य गुरु महिमा से भरे भजनों को भी पढ़ें और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करें, जैसे “गुरुदेव के चरणों की गर धूल जो मिल जाए”, “जनम जनम का साथ है गुरुदेव तुम्हारा”, “गुरुवर के चरणों में मेरा है प्रणाम” और “तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो”।









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