गुरुदेव तेरी दुनिया से कैसे मैं प्यार करूँ भजन लिरिक्स

जब मन संसार की मोह-माया से थक जाता है, तब उसे गुरुदेव की शरण ही शांति प्रदान करती है। गुरुदेव तेरी दुनिया से कैसे मैं प्यार करूँ भजन एक भक्त की उन भावनाओं को प्रकट करता है, जो सांसारिक झूठी चमक-धमक से विमुख होकर केवल अपने सतगुरु के प्रेम में लीन होना चाहता है। यह भजन हमें भक्ति और वैराग्य की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

Gurudev Teri Duniya Se Kaise Main Pyar Krun Bhajan lyrics

गुरुदेव तेरी दुनिया से,
कैसे मैं प्यार करूँ,
पग पग पर धोखा है,
किसका ऐतबार करूँ,
गुरुदेव तेरी दूनिया से,
कैसे मैं प्यार करूँ।।

कोई मित्र बनाकर साथी,
संग साथ निभाता है,
कोई मित्र रूप में भी,
शत्रुता निभाता है,
इस मोह भरी दुनिया में,
किससे व्यव्हार करूँ,
पग पग पर धोखा है,
किसका ऐतबार करूँ,
गुरुदेव तेरी दूनिया से,
कैसे मैं प्यार करूँ।।

कोई प्रेम भरे शब्दों से,
मेरे मन को रिझाता है,
कोई कटु वचन कहकर,
मेरे दिल को दुखाता है,
इस पाप भरी दुनिया में,
किससे मैं बात करूँ,
पग पग पर धोखा है,
किसका ऐतबार करूँ,
गुरुदेव तेरी दूनिया से,
कैसे मैं प्यार करूँ।।

कई लोग पराए होकर,
दुःख में रम जाते है,
कोई रोकर पूछे दुःख,
और हंसके उड़ाते है,
इन कष्ट भरे अश्को का,
किससे इजहार करूँ,
पग पग पर धोखा है,
किसका ऐतबार करूँ,
गुरुदेव तेरी दूनिया से,
कैसे मैं प्यार करूँ।।

जब कोई मुझको छलकर,
मुझे दुःख दे जाता है,
फिर सच्चे लोगो से भी,
मेरा मन घबराता है,
इन दिन दुखी लोगो पर,
कैसे उपकार करूँ,
पग पग पर धोखा है,
किसका ऐतबार करूँ,
गुरुदेव तेरी दूनिया से,
कैसे मैं प्यार करूँ।।

गुरुदेव तेरी दुनिया से,
कैसे मैं प्यार करूँ,
पग पग पर धोखा है,
किसका ऐतबार करूँ,
गुरुदेव तेरी दूनिया से,
कैसे मैं प्यार करूँ।।

सच्ची शांति और आनंद केवल गुरुदेव की भक्ति में ही मिलती है। जब हम उनके चरणों में समर्पित होते हैं, तब दुनिया का मोह स्वतः समाप्त हो जाता है। गुरुदेव की कृपा से जीवन सार्थक बनाने के लिए “तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो”, “गुरुदेव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए”, और “गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना” भी अवश्य पढ़ें।









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