गुरुदेव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो भजन लिरिक्स

“गुरुदेव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो” भजन गुरु की असीम कृपा और उनके आशीर्वाद की कामना को व्यक्त करता है। जब भक्त अपने जीवन को सही दिशा में ले जाना चाहता है, तब सद्गुरु ही उसे मार्गदर्शन देते हैं। यह भजन इसी प्रार्थना का स्वरूप है, जिसमें हम अपने गुरु से ज्ञान, भक्ति और सच्ची राह पर चलने का आशीर्वाद माँगते हैं।

Gurudev Mere Data Mujhko Aisa Var Do Bhajan Lyrics

गुरुदेव मेरे दाता,
मुझको ऐसा वर दो,
सेवा सत्संग सुमिरण से,
झोली मेरी भर दो,
गुरुदेंव मेरे दाता,
मुझको ऐसा वर दो।।

नफरत जो करे मुझसे,
मैं उनसे प्यार करूँ,
कहते है बुरा मुझको,
उनका सत्कार करूँ,
नफरत को मिटा कर मुझमे,
इक प्यार का रंग भर दो,
गुरुदेंव मेरे दाता,
मुझको ऐसा वर दो।।

मेरे मन मंदिर में गुरुवर,
इक बार बस जाओ,
जिस ओर भी देखूं मैं,
बस तुम ही नजर आओ,
दो दान प्रभु अमृत का,
जीवन में रस भर दो,
गुरुदेंव मेरे दाता,
मुझको ऐसा वर दो।।

शबरी की तरह सेवा,
और ध्यान हो मीरा सा,
श्रद्धा हो तुलसी सी,
और बोल कबीरा सा,
रहमते नजर से प्रभु जी,
निहाल मुझे कर दो,
गुरुदेंव मेरे दाता,
मुझको ऐसा वर दो।।

हो समर्पण अर्जुन सा,
और त्याग हो बुद्ध जैसा,
भक्ति हो नरसी सी,
और प्यार विदुरानी सा,
इक अर्ज यही तुमसे,
गुरुदेव पूरी कर दो,
गुरुदेंव मेरे दाता,
मुझको ऐसा वर दो।।

गुरुदेव मेरे दाता,
मुझको ऐसा वर दो,
सेवा सत्संग सुमिरण से,
झोली मेरी भर दो,
गुरुदेंव मेरे दाता,
मुझको ऐसा वर दो।।

गुरुदेव की कृपा से ही जीवन में वास्तविक शांति और सफलता मिलती है। “गुरुदेव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो” भजन इसी भावना को दर्शाता है कि हम गुरु के चरणों में समर्पित रहें और उनकी कृपा से सद्मार्ग पर अग्रसर हों। यदि आप और अधिक गुरु भजनों को पढ़ना चाहते हैं, तो “गुरुवर टेकचंद जी जैसा जग में सेठ कोई नहीं”, “गुरुवर तुमसे इतना कहना चरणों में तुम्हरे रहना”, “सतगुरु चरणा कोलो कदे दूर हटावी ना” और “गुरुदेव के चरणों में सौ बार नमन मेरा” को भी अवश्य पढ़ें और गुरुदेव की महिमा का आनंद लें।









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