गुरुदेव किरपा अगर हो तुम्हारी भजन लिरिक्स

गुरु की कृपा जीवन की सबसे बड़ी शक्ति होती है। जब गुरुदेव की अनुकंपा मिलती है, तो सारे दुख और कष्ट स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं और भक्त का जीवन आनंदमय हो जाता है। “गुरुदेव कृपा अगर हो तुम्हारी” भजन इसी गहरे भाव को प्रकट करता है कि यदि गुरु का आशीर्वाद मिल जाए, तो जीवन में किसी और चीज की आवश्यकता नहीं रहती। आइए, इस भजन के माध्यम से गुरुदेव की कृपा का गुणगान करें।

Gurudev Kripa Ager Ho Tumhari

निकल जाए नैया भवर से हमारी,
गुरुदेव किरपा अगर हो तुम्हारी,
गुरुदेव किरपा अगर हों तुम्हारी।।

प्रखर ज्ञान की राह हमको दिखा दो,
प्रखर ज्ञान की राह हमको दिखा दो,
अँधियारा मेरे मन का मिटा दो,
खिल जाए मेरी किस्मत की क्यारी,
गुरुदेव किरपा अगर हों तुम्हारी।।

तेरी दृष्टि सारे जहाँ से निराली,
गुरु दृष्टि सारे जहाँ से निराली,
उन्नति के पथ पर ले जाने वाली,
कदमों में दुनिया झुका दूँ मैं सारी,
गुरुदेव किरपा अगर हों तुम्हारी।।

‘देवेन्द्र’ मंजिल तुम्ही से है पाता,
‘देवेन्द्र’ मंजिल गुरु से है पाता,
चरणों में गुरुदेव तेरे बसते विधाता,
‘कुलदीप’ कितनो की बिगड़ी संवारी,
गुरुदेव किरपा अगर हों तुम्हारी।।

निकल जाए नैया भवर से हमारी,
गुरुदेव किरपा अगर हो तुम्हारी,
गुरुदेव किरपा अगर हों तुम्हारी।।

गुरु की कृपा से असंभव भी संभव हो जाता है और भक्त का जीवन शुभता से भर जाता है। “गुरुदेव कृपा अगर हो तुम्हारी” भजन हमें सिखाता है कि सच्ची श्रद्धा और समर्पण से गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे ही अन्य भक्तिपूर्ण भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा अपार”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और अपनी भक्ति को और अधिक प्रगाढ़ करें। 🙏









Share

Leave a comment