गुरु की महिमा अपरंपार है, जिसे समझ पाना केवल उसी के लिए संभव है जो सच्चे मन से उनकी शरण में आता है। उनकी कृपा से ही जीवन का अंधकार दूर होता है और आत्मज्ञान का प्रकाश फैलता है। “गुरु की महिमा कोई ना जाने” भजन इसी गहरे सत्य को प्रकट करता है, जहां गुरु की महिमा को अनमोल बताया गया है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं। जब हम इस भजन को पढ़ते या करते हैं, तो हमें गुरुदेव की असीम कृपा का अनुभव होता है।
Guru Ki Mahima Koi Na Jane
गुरु की महिमा कोई ना जाने,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।।
गुरु एक बहती गंगा की धारा,
गुरु चरणन ने सबको तारा,
कृपा को इनकी हर कोई माने,
गुरु की महीमा कोईं ना जानें,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।।
पिर फकीर की वाणी में वो है,
बुद्ध नानक सा सुखदायी वो है,
प्रेम को उसके कैसे बखाने,
सिमरन के हैं लाखो बहाने,
गुरु की महीमा कोईं ना जानें,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।।
शब्द ना जाने कहाँ खो गये,
आँखें मन की ज़ुबा हो गये,
लगान लगी संग प्रीत अगोचर,
लोग लगे हमको समझाने,
गुरु की महीमा कोईं ना जानें,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।।
गुरु की महिमा कोई ना जाने,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।।
गुरुदेव की महिमा का वर्णन करना संभव नहीं, क्योंकि उनकी कृपा हर भक्त के जीवन में अनोखे रूप से प्रकट होती है। यदि यह भजन आपको श्रद्धा और भक्ति से भर देता है, तो “जब सिर पे गुरु जी का हाथ फिर मन तोहे चिंता काहे की”, “गुरु मात पिता गुरु बंधू सखा”, “संतों का समागम भक्तों को तीर्थ से भी बढ़कर होता है” और “सतगुरु ने दिया आनंद भजन कर जीवन में” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरुदेव की महिमा का आनंद लें।
मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩