गुरु ज्ञान की ज्योति हमारी वो ही ज्योत जलाता हूँ लिरिक्स

गुरुदेव के आशीर्वाद से ही हमारे जीवन में सच्चे ज्ञान का प्रकाश फैलता है। “गुरु ज्ञान की ज्योति हमारी, वो ही ज्योत जलाता हूँ” भजन इसी गहरे आध्यात्मिक सत्य को दर्शाता है कि गुरु के दिए ज्ञान से ही अज्ञान का अंधकार मिटता है और भक्त सच्चे मार्ग पर अग्रसर होता है। इस भजन को पढ़ने या करने से मन में गुरु भक्ति और ज्ञान की लौ प्रज्वलित होती है।

Guru Gyan Ki Jyoti Hamari Vo Hi Jyot Jalata Hu Lyrics

गुरु ज्ञान की ज्योति हमारी,
वो ही ज्योत जलाता हूँ,
गुरु की किरपा कैसे होती,
मैं वो आज सुनाता हूँ।।

गुरु बिन जीवन व्यर्थ हमारा,
वेदों ने बतलाया है,
गुरु से ही सद्करनी मिलती,
ऋषियों ने समझाया है,
गुरु ही मेरे पारब्रम्ह है,
उनको शीश झुकाता हूँ,
गुरु की किरपा कैसे होती,
मैं वो आज सुनाता हूँ।।

गुरु का ज्ञान ले श्री राम ने,
असुरों का संहार किया,
गुरु की किरपा से ही पार्थ ने,
द्रोपती जी का वरण किया,
बिना गुरु नर राह भटकता,
ये सच मैं बतलाता हूँ,
गुरु की किरपा कैसे होती,
मैं वो आज सुनाता हूँ।।

गुरु का जहाँ अपमान हुआ है,
वहां का बेडा गर्क हुआ,
अपमान किया था लंकापति ने,
चूर भी उसका गर्व हुआ,
लिखे ‘मुनींद्र’ जी गुरु की गाथा,
‘संजय’ तुम्हे सुनाता हूँ,
गुरु की किरपा कैसे होती,
मैं वो आज सुनाता हूँ।।

गुरु ज्ञान की ज्योति हमारी,
वो ही ज्योत जलाता हूँ,
गुरु की किरपा कैसे होती,
मैं वो आज सुनाता हूँ।।

गुरु की ज्योति से प्रकाशित जीवन, सदा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलता है। गुरुदेव के आशीर्वाद से ही हमें आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि यह भजन आपके हृदय को छूता है, तो “सतगुरु शरण में सभी फल मिलेंगे”, “गुरुदेव के चरणों में सौ बार नमन मेरा”, “गुरुवर तुम्ही बता दो किसकी शरण में जाएं” और “गुरुदेव की महिमा गाये चरणों में शिश नवाये” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरु भक्ति में लीन हों।









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