धन्य तुम्हारा गुरुदेव जी मुझ पर जो उपकार किया भजन लिरिक्स

गुरुदेव की कृपा अपार होती है, जो भक्त के जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है। उनका उपकार शब्दों में वर्णन करना कठिन है, क्योंकि वे निःस्वार्थ प्रेम और ज्ञान का स्रोत होते हैं। “धन्य तुम्हारा, गुरुदेव जी, मुझ पर जो उपकार किया” भजन इसी भावना को दर्शाता है कि गुरु के आशीर्वाद से ही जीवन का सच्चा अर्थ मिलता है। आइए, इस भजन के माध्यम से गुरुदेव के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें।

Dhanya Tumhara Gurudev Ji Mujh Par Jo upkar kiya

धन्य तुम्हारा गुरुदेव जी,
मुझ पर जो उपकार किया,
मेरी ऊँगली पकड़ के तुमने,
मुझको भव से पार किया,
धन्य तुम्हारा गुरुदेंव जी,
मुझ पर जो उपकार किया।।

क्रोध मद लोभ में फसकर,
मैंने जीवन नर्क किया,
अपनी शरण में लेकर तुमने,
मेरा जीवन फर्ज किया,
पत्थर था पारस की तरह,
तुमने मुझको सवार दिया,
धन्य तुम्हारा गुरुदेंव जी,
मुझ पर जो उपकार किया।।

मेरा हर दुःख सुख में बदला,
केवल आप की रहमत है,
मेरे इस सारे जीवन में,
केवल आप का ही हक़ है,
तुमने मेरे इस जीवन का,
हर सपना साकार किया,
धन्य तुम्हारा गुरुदेंव जी,
मुझ पर जो उपकार किया।।

धर्म अधर्म के मंद को समझा,
सत्य असत्य को जाना है,
आप की किरपा से इस जग के,
सार को भी पहचाना है,
आप ने बच्चो के जीवन को,
जीने का आधार दिया,
धन्य तुम्हारा गुरुदेंव जी,
मुझ पर जो उपकार किया।।

धन्य तुम्हारा गुरुदेव जी,
मुझ पर जो उपकार किया,
मेरी ऊँगली पकड़ के तुमने,
मुझको भव से पार किया,
धन्य तुम्हारा गुरुदेंव जी,
मुझ पर जो उपकार किया।।

गुरुदेव का उपकार अमूल्य होता है, क्योंकि वे हमें सही मार्ग दिखाते हैं और हर कठिनाई से उबारते हैं। “धन्य तुम्हारा, गुरुदेव जी, मुझ पर जो उपकार किया” भजन हमें यह सिखाता है कि गुरुचरणों की शरण में रहकर हम अपने जीवन को धन्य बना सकते हैं। ऐसे ही अन्य भक्तिपूर्ण भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा अपार”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और अपनी आत्मा को गुरु भक्ति से जोड़ें। 🙏









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