छोटा सा घर है गुरुवर मेरा भजन लिरिक्स

साधक का हृदय वही घर है जहाँ सतगुरु का सच्चा वास होता है। छोटा सा घर है गुरुवर मेरा भजन इसी प्रेम और समर्पण की अभिव्यक्ति है, जिसमें भक्त अपने गुरुदेव को अपने छोटे से घर में बुलाने की विनती करता है। यह भजन आत्मीयता और श्रद्धा से भरा हुआ है, जो गुरु भक्ति की गहराइयों को दर्शाता है।

Chhota Sa Ghar Hai Guruvar Mera Bhajan Lyrics

छोटा सा घर है,
गुरुवर मेरा,
हो न पाएगा,
स्वागत तेरा,
कैसे करूँ सेवा,
गुरूदेवा, मै न जानूँ,
छोटा सा घर हैं,
गुरुवर मेरा।।

टूटी है खटिया प्रभू,
कैसे बिठाऊँ,
कैसे मै घर तुम्हे,
अपने बुलाऊँ,
कैसे करुँ सेवा,
गुरूदेवा, मै न जानूँ
छोटा सा घर हैं,
गुरुवर मेरा,
हो न पाएगा,
स्वागत तेरा।।

सूखी है रोटी प्रभू,
कैसे खिलाऊँ,
आरती बिना दीपक,
कैसे सजाऊँ,
कैसे करुँ सेवा,
गुरूदेवा, मै न जानूँ
छोटा सा घर हैं,
गुरुवर मेरा,
हो न पाएगा,
स्वागत तेरा।।

दास गरीब़ हूँ मै,
क्या करूँ अर्पण,
चाह यही है कि,
मिल जाए दर्शन,
कैसे करुँ सेवा,
गुरूदेवा, मै न जानूँ
छोटा सा घर हैं,
गुरुवर मेरा,
हो न पाएगा,
स्वागत तेरा।।

छोटा सा घर है,
गुरुवर मेरा,
हो न पाएगा,
स्वागत तेरा,
कैसे करूँ सेवा,
गुरूदेवा, मै न जानूँ,
छोटा सा घर हैं,
गुरुवर मेरा।।

गुरु का आशीर्वाद जिस घर पर होता है, वहाँ सच्ची शांति और आनंद का वास होता है। आगे “तेरे चरणों में डेरा डाल दिया है गुरुदेव”, “सारे तीर्थ धाम आपके चरणों में गुरुदेव”, “गुरुदेव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो” और “गुरुदेव चले आना एक बार चले आना” भजनों को पढ़ें और गुरुदेव की कृपा का अनुभव करें।









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