चरणों में गुरुवर के प्रणाम करता हूँ भजन लिरिक्स

गुरु के चरणों में समर्पण ही सच्ची भक्ति और आत्मिक शांति की राह है। जब भक्त निष्ठा और श्रद्धा के साथ गुरु चरणों में प्रणाम करता है, तो उसे आशीर्वाद स्वरूप ज्ञान, प्रेम और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है। “चरणों में गुरुवर के प्रणाम करता हूँ” भजन इसी भाव को प्रकट करता है कि गुरु के प्रति सच्ची विनम्रता और समर्पण ही जीवन को पवित्र और सार्थक बनाता है। आइए, इस भजन के भावों को अपने हृदय में उतारें और पूर्ण श्रद्धा के साथ गुरु चरणों में प्रणाम करें।

Charno Me Guruvar Ke Pranam Karta Hu Bhajan Lyrics

चरणों में गुरुवर के,
प्रणाम करता हूँ,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना।।

गुरुजी आप दयालु है,
दयावान है,
करते रहते सदा,
हम पे अहसान है,
भूल क्षमा कर देते है,
और अपनी शरण में लेते है,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना।।

हम तो भटक रहे थे,
अंधकार में,
कोई मंज़िल नही थी,
संसार में,
प्रेम का दीपक जला दिया,
हमे धर्म का मार्ग दिखा दिया,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना।।

अब तो मन में हमारे,
यही है लगन,
कर दे किरपा तो हो जाए,
श्याम मिलन
भक्ति का वर दे देना,
थोड़ी सी सिफारिश कर देना,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना।।

झुककर चरणों में,
‘बिन्नू’ ये विनती करे,
गुरूजी हाथ दया का,
सिर पे धरे,
जीवन सफल हो जाएगा,
सौदा मेरा पट जाएगा,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना।।

चरणों में गुरुवर के,
प्रणाम करता हूँ,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना,
स्वीकार कीजिए,
दास की वंदना।।

गुरु चरणों में समर्पण से ही जीवन का असली सार समझ में आता है, और उनके आशीर्वाद से हर कठिनाई दूर हो जाती है। “चरणों में गुरुवर के प्रणाम करता हूँ” भजन हमें गुरु महिमा की अनुभूति कराता है और भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। ऐसे ही अन्य भक्तिपूर्ण भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा अपार”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और गुरु भक्ति को और गहरा करें।

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