चार दिन का डेरा प्राणी जग में हमारा भजन लिरिक्स

इस नश्वर संसार में हर प्राणी का समय सीमित है। हम यहाँ केवल कुछ क्षणों के लिए आए हैं, फिर भी इस मोह-माया में उलझे रहते हैं। चार दिन का डेरा प्राणी जग में हमारा भजन हमें याद दिलाता है कि सच्चा सहारा केवल गुरुदेव के चरणों में ही मिलता है, जहाँ स्थायी शांति और मोक्ष का मार्ग है।

Char Din Ka Dera Prani Jag Me Humara Bhajan Lyrics

दोहा

गुरु मूरत गति चँद्रमा,
सेवक नैन चकोर,
अष्ट पहर निरखत रहूँ,
गुरू चरणन की ओर।

चार दिन का डेरा प्राणी,
जग में हमारा,
नही ठिकाना ये जहाँ,
है हमारा हो हमारा,
जाना होगा छोड़के,
एक दिन यह जग,
सारा हो सारा,
नही ठिकाना ये जहाँ,
है हमारा हो हमारा।।

न कुछ तेरा, न कुछ मेरा,
फिर क्यो मन भरमाए,
सब कुछ,जाने प्राणी फिर भी,
इसमे फँसता जाए,
कस्तूरी को जैसे मृग्या,
फिरे मारा मारा, हो आवारा,
नही ठिकाना ये जहाँ,
है हमारा हो हमारा।।

चौला पहन के,क्यो इतराए,
जाग जरा निँदिया से,
जोड़के सतगुरू से रिश्ता तू,
तोड़ दे इस दुनिया से,
ये दुनिया तो केवल प्राणी,
तपोवन हमारा, हो हमारा,
नही ठिकाना ये जहाँ,
है हमारा हो हमारा।।

दो दिन को यह, चाँद खिला है,
कल अँधियारी आए,
जो आया है,जाएगा एक दिन,
तेरी भी बारी आए,
आवागमन से तुझको प्राणी,
मिल जाए छुटकारा, हो छुटकारा,
नही ठिकाना ये जहाँ,
है हमारा हो हमारा।।

चार दिन का डेरा प्राणी,
जग में हमारा,
नही ठिकाना ये जहाँ,
है हमारा हो हमारा,
जाना होगा छोड़के,
एक दिन यह जग,
सारा हो सारा,
नही ठिकाना ये जहाँ,
है हमारा हो हमारा।।

गुरुदेव की भक्ति ही वह अमूल्य मार्ग है, जो हमें जीवन के असली उद्देश्य तक पहुँचाती है। जब तक यह देह है, हमें सद्गुरु की शरण में रहकर सच्चे सत्कर्म करने चाहिए। और अधिक आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए “गुरुदेव मेरे गुरुदेव मेरे”, “बँदगी दुख तमाम हरती है”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए” और “तेरी महिमा को न जानूँ मैं गुरुदेव” भजन भी पढ़ें और अपने जीवन को सार्थक बनाएं।









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