भवसागर तारण कारण हे गुरु वंदना लिरिक्स

गुरु ही वह दिव्य शक्ति हैं, जो हमें इस संसार रूपी भवसागर से पार लगाते हैं। उनकी कृपा से हमें सच्चे ज्ञान, भक्ति और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है। “भवसागर तारण कारण हे गुरु वंदना” भजन गुरु महिमा का गुणगान करता है और यह संदेश देता है कि सच्चे समर्पण और श्रद्धा के बिना आध्यात्मिक उन्नति संभव नहीं। आइए, इस भजन के माध्यम से गुरु चरणों में अपनी वंदना अर्पित करें और उनकी कृपा का अनुभव करें।

Bhavsager Taran Karan He Guru Vandana Lyrics

भवसागर तारण कारण हे,
रविनन्दन बन्धन खण्डन हे,
शरणागत किंकर भीत मने,
गुरुदेव दया कर दीनजने।।

हृदिकन्दर तामस भास्कर हे,
तुमि विष्णु प्रजापति शंकर हे,
परब्रह्म परात्पर वेद भणे,
गुरुदेव दया कर दीनजने।।

मनवारण शासन अंकुश हे,
नरत्राण तरे हरि चाक्षुष हे,
गुणगान परायण देवगणे,
गुरुदेव दया कर दीनजने।।

कुलकुण्डलिनी घुम भंजक हे,
हृदिग्रन्थि विदारण कारक हे,
मम मानस चंचल रात्रदिने,
गुरुदेव दया कर दीनजने।।

रिपुसूदन मंगलनायक हे,
सुखशान्ति वराभय दायक हे,
त्रयताप हरे तव नाम गुणे,
गुरुदेव दया कर दीनजने।।

अभिमान प्रभाव विमर्दक हे,
गतिहीन जने तुमि रक्षक हे,
चित शंकित वंचित भक्तिधने,
गुरुदेव दया कर दीनजने।।

तव नाम सदा शुभसाधक हे,
पतिताधम मानव पावक हे,
महिमा तव गोचर शुद्ध मने,
गुरुदेव दया कर दीनजने।।

जय सद्गुरु ईश्वर प्रापक हे,
भवरोग विकार विनाशक हे,
मन जेन रहे तव श्रीचरणे,
गुरुदेव दया कर दीनजने।।

भवसागर तारण कारण हे,
रविनन्दन बन्धन खण्डन हे,
शरणागत किंकर भीत मने,
गुरुदेव दया कर दीनजने।।

गुरु का आशीर्वाद ही वह नौका है, जो हमें संसार के भटकाव से निकालकर मोक्ष की ओर ले जाती है। “भवसागर तारण कारण हे गुरु वंदना” भजन हमें यह अहसास कराता है कि गुरु के बिना जीवन अधूरा है, और उनकी कृपा से ही आत्मिक शांति संभव है। ऐसे ही अन्य भक्तिपूर्ण भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा अपार”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और अपने आध्यात्मिक मार्ग को और दृढ़ करें।









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