बँदगी दुख तमाम हरती है भजन लिरिक्स

गुरुदेव की सच्ची बंदगी ही हमारे सभी दुखों को हरने वाली होती है। जब हम पूरे समर्पण और विश्वास के साथ गुरुचरणों में शरण लेते हैं, तो जीवन की कठिनाइयाँ स्वतः ही समाप्त होने लगती हैं। बँदगी दुख तमाम हरती है भजन इसी अनमोल सत्य को उजागर करता है, जहाँ भक्ति और श्रद्धा से जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है।

Bandagi Dukh Tamam Harti Hai Bhajan Lyrics

बँदगी दुख तमाम हरती है,
ओषधी का काम,
ओषधी का काम करती है,
बँदगी दुख तमाम हरती है।।

पीले इसे जो कोई नियम से,
जीवन मे रहे जो सँयम से,
कि जीवन मे रहे जो सदा सँयम से,
उन पर ये बहुत काम करती है,
बँदगी दुख तमाम हरती है।।

ले ले दवा तू ओ मन प्यारे,
आजा रे आजा अब तो प्रभू के द्वारे,
कि आजा रे आजा प्रभू के द्वारे,
सुबहोशाम आठो याम बँटती है,
बँदगी दुख तमाम हरती है।।

बाँटे गुरू मेरा दिन और रैना,
लेलो रे आकर जिस को भी है लेना,
कि लेलो रे आकर जिसको है लेना,
खर्चे सेभी नही ये घटती है,
बँदगी दुख तमाम हरती है।।

बँदगी दुख तमाम हरती है,
ओषधी का काम,
ओषधी का काम करती है,
बँदगी दुख तमाम हरती है।।

भजन लेखक एवं प्रेषक –
मिलती है जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी,
है मोक्ष का ये साधन,
तू करले जतन यदि,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।

मिलती नही है रोज़ ये,
दौलत जहाँन मे,
होती है सतगुरू की,
इनायत कभी कभी,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।

दैवो को भी जो दुर्लभ,
वो काया मिली तुझे,
गुरू की है ये अमानत,
न मैली हो ये कभी,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।

करले भजन हरि का,
स्वारथ को त्याग कर,
मिलती है ये मोहल्लत,
बिरलो को कभी कभी,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।

मिलती है जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी,
है मोक्ष का ये साधन,
तू करले जतन यदि,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।

गुरुदेव का आश्रय ही सच्ची मुक्ति का मार्ग है। जो भक्त निःस्वार्थ भाव से उनकी शरण में आता है, वह सभी दुखों से मुक्त हो जाता है। गुरु की महिमा अपरंपार है, इसलिए “गुरुदेव मेरे गुरुदेव मेरे”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए”, “तेरी महिमा को न जानूँ मैं गुरुदेव”, और “तुझे गुरु कितना समझाए पर तेरी समझ न आए” भजन भी पढ़ें और गुरुदेव की कृपा का अनुभव करें।









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