सच्चे गुरु अपने शिष्यों के हृदय में सदा विराजमान रहते हैं, चाहे समय कितना भी बदल जाए। “बाबा आज भी मेरे दिल में आप बिराज रहे” भजन इसी गहरी श्रद्धा और भावनात्मक लगाव को प्रकट करता है कि भक्त के मन-मंदिर में सदैव गुरुदेव का वास होता है। जब हम इस भजन को पढ़ते या करते हैं, तो हमारे भीतर गुरु के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना और प्रबल हो जाती है।
Baba Aaj Bhi Mere Dil Mai Aap Biraj Rahe Lyrics
बाबा आज भी मेरे दिल में,
आप बिराज रहे,
चंदा सूरज जैसे चमकते,
ऐसे राज रहे,
बाबा आज भी मेरे दिल मे,
आप बिराज रहे।।
ना ही सूरत ना कोई मूरत,
ना कोई दिल को रही ज़रूरत,
रग रग रास रहे,
बाबा आज भी मेरे दिल मे,
आप बिराज रहे।।
हर एक पल पल हर एक क्षण क्षण,
चरणों में तेरे रहता मेरा मन,
साँसों में साज रहे,
बाबा आज भी मेरे दिल मे,
आप बिराज रहे।।
हाथों में तेरे हाथ है मेरा,
अंग संग हर दम साथ है तेरा,
ये विश्वास रहे,
बाबा आज भी मेरे दिल मे,
आप बिराज रहे।।
रस का हो बादल या रस का पागल,
चरणों की तेरे ‘गोपाली’ पायल,
तू सर का ताज रहे,
बाबा आज भी मेरे दिल मे,
आप बिराज रहे।।
बाबा आज भी मेरे दिल में,
आप बिराज रहे,
चंदा सूरज जैसे चमकते,
ऐसे राज रहे,
बाबा आज भी मेरे दिल मे,
आप बिराज रहे।।
गुरुदेव की कृपा और उपस्थिति किसी एक समय या स्थान तक सीमित नहीं होती, वे अपने भक्तों के हृदय में सदा विराजमान रहते हैं। उनकी भक्ति से ही जीवन सार्थक होता है। यदि यह भजन आपके मन को श्रद्धा से भरता है, तो “गुरुवर मेरी ओर अपनी नजरिया रखियो”, “गुरु की महिमा कोई ना जाने”, “संतों का समागम भक्तों को तीर्थ से भी बढ़कर होता है” और “गुरुदेव मेरे गुरुदेव मेरे” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरु भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ें।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩