“अतरो संदेशो म्हारा गुरुजी ने केजो” भजन, गुरु के प्रति हमारी अटूट श्रद्धा और प्रेम को अभिव्यक्त करता है। यह भजन एक भक्त की गहरी भावनाओं को दर्शाता है, जो अपने गुरुदेव तक अपने संदेश को पहुँचाने की प्रार्थना करता है। जब हमारा मन गुरु की भक्ति में डूब जाता है, तो हर शब्द एक प्रार्थना बन जाता है, और यही भाव इस भजन में झलकता है।
Ataro Sandesho Mhara Guruji Ne Kejo Bhajan Lyrics
अतरो संदेशो म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो।।
सेवा ने सिमरण हम कोन नी करीयो,
ऐई उपदेश म्हानै देजो रे,
ऐई उपदेश म्हानै देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
काया रो देवल हमने लागो कासो ईणरी,
भलोमण म्हानै देजो रे,
भलोमण म्हानै देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
काया पङसी हंसो कहा जाए समाय,
ऐई गर्भ वतावे म्हानै देजो रे,
ऐई गर्भ वतावे म्हानै देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
ब्रह्म स्वरुपी म्हानै नजर नी आया,
दर्शन दिदार म्हानै देजो रे,
दर्शन दिदार म्हानै देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
तुम हो हमारा हम हे तुम्हारा,
जन्मों जन्म भक्ती देजो रे,
जन्मों जन्म भक्ती देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
दोय कर जोङ दास अंबालाल बोले,
सेवक ने चरणो मे लेजो रे,
सेवक ने चरणो मे लेजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
अतरो संदेशो म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो।।
गुरुदेव तक अपने भावनाओं का संदेश पहुंचाना ही सच्ची भक्ति की पहचान है। “अतरो संदेशो म्हारा गुरुजी ने केजो” भजन, हमें गुरु के चरणों में आत्मसमर्पण करने की प्रेरणा देता है। यदि आप और अधिक भक्ति से ओत-प्रोत भजन पढ़ना चाहते हैं, तो “गुरुवर तुमसे इतना कहना चरणों में तुम्हरे रहना”, “गुरुदेव के चरणों की गर धूल जो मिल जाए”, “जनम जनम का साथ हैं गुरुदेव तुम्हारा” और “तेरी कृपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे” भी अवश्य पढ़ें और अपने हृदय को गुरुदेव की भक्ति में रंगें।