माँ अम्बे की महिमा अपरंपार है, वे सृष्टि की आधारशिला और भक्तों की हर पीड़ा हरने वाली हैं। “अम्बे कहा जाये, जगदम्बे कहा जाये” भजन माँ की सर्वव्यापकता और उनकी अनंत कृपा का गुणगान करता है। यह भजन दर्शाता है कि माँ केवल मंदिरों में नहीं, बल्कि हर कण-कण में विराजमान हैं। जब भक्त उन्हें सच्चे मन से पुकारता है, तो वे हर स्थान से उसकी सहायता के लिए प्रकट हो जाती हैं। माँ की इस असीम शक्ति को अनुभव करके मन भक्ति और श्रद्धा से भर जाता है।
Amabe Kaha Jaye Jagdambe Kha Jaye
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये,
बोल मेरी मैया तुझे क्या कहा जाये।।
मैंने सोने का टीका बनवाया,
मेरी मय्या को पसन्द नहीं आया,
उसे फूलों का टीका पसन्द आया,
अम्बे कहा जाए जगदम्बे कहा जाए,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये।।
मैंने सोने के कंगन बनवाये,
मय्या को पसन्द नहीं आये,
उसे फूलों के कंगन पसन्द आये,
अम्बे कहा जाए जगदम्बे कहा जाए,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये।।
मैंने सोने का हार बनवाया,
मइया को पसन्द नहीं आया,
उसे फूलों का हार पसन्द आया,
अम्बे कहा जाए जगदम्बे कहा जाए,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये।।
मैंने सोने की तगड़ी बनवायी,
मइया को पसन्द नहीं आयी,
उसे तो फूलों की तगड़ी पसन्द आयी,
अम्बे कहा जाए जगदम्बे कहा जाए,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये।।
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये,
बोल मेरी मैया तुझे क्या कहा जाये।।
गायक – वैभव बागमार बालोतरा।
माँ अम्बे हर जगह विराजमान हैं, वे भक्तों के हृदय में बसती हैं और उनकी हर पुकार का उत्तर देती हैं। माँ की भक्ति से जीवन का हर अंधकार मिट जाता है और सुख-शांति का संचार होता है। यदि यह भजन आपके मन को भक्ति से भर दे, तो आज है जगराता माई का, माँ को मना लेना जैसे अन्य माँ के भक्तिमय गीत भी आपकी श्रद्धा को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ अम्बे की कृपा सभी पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏