अगर है ज्ञान को पाना तो गुरु की जा शरण भाई भजन लिरिक्स

सच्चा ज्ञान वही है जो आत्मा को प्रकाशित करे और हमें सही दिशा दिखाए। लेकिन यह ज्ञान केवल पुस्तकों या विचारों से नहीं मिलता, बल्कि एक सच्चे गुरु की शरण में जाने से प्राप्त होता है। “अगर है ज्ञान को पाना तो गुरु की जा शरण भाई” भजन इसी गूढ़ सत्य को प्रकट करता है। जब हम अहंकार छोड़कर गुरुचरणों में समर्पित होते हैं, तभी हमें आध्यात्मिक ज्ञान का असली आनंद मिलता है।

Ager Hai Ghyan Ko Pana To Guru Ki Ja Sharan Bhai Bhajan lyrics

अगर है ज्ञान को पाना,
तो गुरु की जा शरण भाई।।

जटा सिर पर रखाने से,
भस्म तन में रमाने से,
सदा फल फूल खाने से,
कभी नहीं मुक्ति हो पाई,
अगर हो ज्ञान को पाना,
तो गुरु की जा शरण भाई।।

बने मूरत पुजारी है,
तीरथ यात्रा पियारी है,
करे व्रत नेम भारी है,
भरम मन का मिटे नाही,
अगर हो ज्ञान को पाना,
तो गुरु की जा शरण भाई।।

कोटि सूरज से सितारा,
करे प्रकाश मिल सारा,
बिना गुरु घोर अँधियारा,
ना प्रभु का रूप दर्शाये,
अगर हो ज्ञान को पाना,
तो गुरु की जा शरण भाई।।

ईश सम जान गुरुदेवा,
लगा तन मन करो सेवा,
ब्रम्हानंद मोक्ष मेवा,
मिले भव बंध कट जाये,
अगर है ज्ञान को पाना,
तो गुरु की जा शरण भाई।।

गुरु की शरण ही जीवन का सबसे बड़ा धन है, क्योंकि वही हमें भवसागर से पार लगाते हैं और आत्मज्ञान का अमृत पिलाते हैं। अगर यह भजन आपको प्रेरित कर रहा है, तो “गुरु चरण कमल बलिहारी रे”, “सतगुरु से डोर अपनी क्यूँ ना बावरे लगाए”, “गुरुदेव मेरी नैया उस पार लगा देना”, और “तेरे एहसान का बदला चुकाया जा नहीं सकता” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरु भक्ति में लीन हो जाएँ।









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