जब माँ भवानी अपने भक्तों के घर पधारती हैं, तो हर दिशा भक्ति और आनंद से गूंज उठती है। “आओ माँ भवानी आओ, आज मोरे अंगना पधारो” भजन इसी प्रेम और श्रद्धा का अद्भुत वर्णन करता है। यह गीत भक्त की उस पुकार को दर्शाता है, जिसमें वह माँ से अपने आंगन में विराजने की विनती करता है। जब माँ अपने भक्तों के द्वार आती हैं, तो उनका आशीर्वाद हर दुख-दर्द को हर लेता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
Aao Maa Bhavani Aao Aaj More Angna Padharo
आओ माँ भवानी आओ,
आज मोरे अंगना पधारो,
अंगना पधारो मोरे,
अंगना पधारो,
आओ मां भवानी आओ,
आज मोरे अंगना पधारो।।
पहली नवरात्र शैलपुत्री पधारो,
दूजी ब्रह्मचारिणी ने लाओ,
आज मोरे अंगना पधारो,
आओ मां भवानी आओ,
आज मोरे अंगना पधारो।।
तिजी नवरात्र चंद्रघंटा पधारो,
चौथी कुष्मांडा ने लाओ,
आज मोरे अंगना पधारो,
आओ मां भवानी आओ,
आज मोरे अंगना पधारो।।
पंचम नवरात्र स्कंदमाता पधारो,
छठी कात्यायनी ने लाओ,
आज मोरे अंगना पधारो,
आओ मां भवानी आओ,
आज मोरे अंगना पधारो।।
सप्तम नवरात्र कालरात्रि पधारो,
अष्टम महागौरी ने लाओ,
आज मोरे अंगना पधारो,
आओ मां भवानी आओ,
आज मोरे अंगना पधारो।।
नवमी नवरात्र सिद्धिदात्री पधारो,
कारज सफल सुधारो,
आज मोरे अंगना पधारो,
आओ मां भवानी आओ,
आज मोरे अंगना पधारो।।
आओ माँ भवानी आओ,
आज मोरे अंगना पधारो,
अंगना पधारो मोरे,
अंगना पधारो,
आओ मां भवानी आओ,
आज मोरे अंगना पधारो।।
Singer – Ganesh Rajput
माँ भवानी का आगमन ही भक्त के जीवन को पूर्णता प्रदान करता है। जब माँ की कृपा दृष्टि हम पर पड़ती है, तो हर संकट समाप्त हो जाता है और जीवन में सुख-शांति का संचार होता है। यदि यह भजन आपको भक्ति भाव से भर दे, तो ओढ़ के चुनरिया लाल मैया जी मेरे घर आना जैसे अन्य माँ दुर्गा के भजन भी आपकी श्रद्धा को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ भवानी सभी भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखें। जय माता दी! ????

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म