जब भक्त सच्चे मन से माँ को पुकारता है, तो वह कभी खाली नहीं लौटता। “आजा भवानी एक बार, मैं तो कब से खड़ा हूँ तेरे द्वार पर” भजन भक्त के उसी प्रेम और इंतजार को दर्शाता है, जहाँ वह माँ के दर्शन के लिए व्याकुल है। माँ भवानी की कृपा पाने के लिए जब भक्त उनके द्वार पर सिर झुकाकर प्रार्थना करता है, तो माँ अवश्य उसकी पुकार सुनती हैं और अपनी असीम ममता से उसका जीवन संवारती हैं।
Aaja Bhavani Ek Bar Main To Kab Khada hu Tere Dvar Par
आजा भवानी एक बार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
अम्बे भवानी दुर्गे भवानी,
मुझे आस चरण की,
रख लेना मैया लाज हमारी,
लागी लगन की,
दर्शन तो दे दे एक बार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
भेंट लिए मैं तो कब से खड़ा हूँ,
मैया द्वार पे तेरे,
पूरण करदे मैया भवानी,
कारज मेरे,
मुझको है तेरा एतबार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
है जग दाती तेरे चरण की,
धूल मिले जो,
राजेन्द्र के घर खुशियों के मां,
फूल खिले जो,
मिल जाये चेन करार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
आजा भवानी एक बार,
मैं तो कब से खड़ा हूँ,
तेरे द्वार पर,
आजां भवानी एक बार।।
गीतकार / गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
माँ भवानी अपने भक्तों की हर पुकार का उत्तर देती हैं और उन्हें अपने दिव्य आशीर्वाद से नवाजती हैं। उनकी शरण में आकर हर दुख मिट जाता है और जीवन में प्रकाश फैलता है। यदि यह भजन आपकी भक्ति को और गहरा कर दे, तो सेवा में दादी थारी मैं तो रम जाऊं माँ जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी श्रद्धा को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ भवानी की कृपा हम सब पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩