आ जाओ माँ जगदम्बे तेरे भगत खड़े तेरे द्वार लिरिक्स

जब भक्त अपनी श्रद्धा और प्रेम के साथ माँ के द्वार पर खड़े होकर उन्हें पुकारते हैं, तो माँ अवश्य आती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं। “आ जाओ माँ जगदम्बे, तेरे भगत खड़े तेरे द्वार” भजन भक्तों की उसी पुकार को दर्शाता है, जहाँ वे माँ से निवेदन करते हैं कि वे अपने दर्शन देकर उनका जीवन धन्य करें। माँ जगदम्बे का आशीर्वाद ही भक्तों की सबसे बड़ी पूंजी होती है, और यह भजन उस अनमोल भक्ति का सजीव चित्रण करता है।

Aa Jao Maa Jagdambe Tere Bhagat Khade Tere Dwar

आ जाओ माँ जगदम्बे,
तेरे भगत खड़े तेरे द्वार,
पुकारें तुमको बारम्बार,
आ जाओ मां जगदम्बे।।

तुम मैया हम बालक तेरे,
कष्ट हरो सब मैया मेरे,
तड़फत हूँ मैं सांझ सबेरे,
आ जाओ मां जगदम्बे।।

बार बार तेरा रूप निरखते,
फिर भी न ये नैना थकते,
साल महीने से पल कटते,
आ जाओ मां जगदम्बे।।

पूजा अर्चना मैं क्या जानू,
तू है माँ बस इतना जानू,
तुमको अपना सबकुछ जानू,
आ जाओ मां जगदम्बे।।

मातु भवानी दुर्गे मैया,
पार करो मेरी जीवन नैया,
तुम बिन दूजा कौन खिबैया,
आ जाओ मां जगदम्बे।।

जय जय जय जगदम्बे माता,
दरश बिना मनवा आकुलता,
आजा आ राजेन्द्र बुलाता,
आजाओ मां जगदम्बे।।

आ जाओ माँ जगदम्बे,
तेरे भगत खड़े तेरे द्वार,
पुकारें तुमको बारम्बार,
आ जाओ मां जगदम्बे।।

गीतकार / गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।

माँ के दर पर जो भी श्रद्धा से खड़ा होता है, वह कभी खाली नहीं लौटता। माँ अपनी कृपा से हर भक्त की झोली खुशियों से भर देती हैं। यदि यह भजन आपके मन को भक्तिभाव से भर दे, तो माँ को जो भी पुकारेगा मन से जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी श्रद्धा को और गहरा कर सकते हैं। माँ जगदम्बे की महिमा अपरंपार है! जय माता दी! 🙏

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