“आ दरश दिखा दे गुरुदेव, तुझे तेरे लाल बुलाते हैं” भजन एक भक्त की गहरी पुकार को दर्शाता है, जो अपने सद्गुरु के दर्शन की अभिलाषा रखता है। जब मन भटकता है और जीवन में राहें कठिन हो जाती हैं, तब केवल गुरुदेव की कृपा ही सच्ची शांति और मार्गदर्शन देती है। यह भजन उसी भावनात्मक अनुरोध को व्यक्त करता है, जो हर भक्त अपने गुरु से करता है कि वे अपनी कृपा दृष्टि हम पर बनाए रखें।
Aa Darash Dikha De Gurudev Tujhe Tere Lal Bulate Hai Bhajan Lyrics
आ दरश दिखा दे गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दर्श दिखा दे गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
आँखों के आंसू सूख चुके है,
अब तो दरश दिखा दे,
कब से खड़े है दर पर तेरे,
मन की तू प्यास बुझा दे,
तेरी लीला निराली गुरुदेव,
तेरी लीला निराली गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दर्श दिखा दे गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
बीच भंवर में नईया पड़ी है,
आकर तू पार लगा दे,
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है,
आकर गले से लगा ले,
क्यूँ देर लगाते गुरुदेव,
क्यूँ देर लगाते गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दर्श दिखा दे गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
डूब रहा है सुख का ये सूरज,
गम की बदरिया है छाई,
उजड़ गयी बगिया जीवन की,
मन की कलि मुरझाई,
करे विनती ये बालक आज,
करे विनती ये बालक आज,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दर्श दिखा दे गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
वैसे तो तुम हो मन में हमारे,
आँखे नहीं मानती है,
इक पल गुरु से ये अब बिछुड़ कर,
रहना नहीं चाहती है,
बरबस बरसाए नीर,
बरबस बरसाए नीर,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दर्श दिखा दे गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
आ दरश दिखा दे गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दर्श दिखा दे गुरुदेव,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
गुरुदेव के बिना जीवन अधूरा सा लगता है, और उनकी कृपा ही हमारे जीवन को पूर्णता प्रदान करती है। “आ दरश दिखा दे गुरुदेव, तुझे तेरे लाल बुलाते हैं” भजन इसी श्रद्धा और समर्पण को व्यक्त करता है। यदि आप और अधिक भक्ति से भरपूर गुरु भजनों को पढ़ना चाहते हैं, तो “गुरुदेव के चरणों में सौ बार नमन मेरा”, “जनम जनम का साथ हैं गुरुदेव तुम्हारा”, “बस एक सहारा तुम गुरुदेव दया करना” और “गुरुवर तुमसे इतना कहना चरणों में तुम्हरे रहना” को अवश्य पढ़ें और गुरुदेव की महिमा का अनुभव करें।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩