वेंकटेश्वर गायत्री मंत्र: भगवान बालाजी की कृपा पाने का दिव्य माध्यम

वेंकटेश्वर गायत्री मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान बालाजी की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि मन, शरीर और आत्मा को भी शुद्ध करता है। इस लेख में Venkateswara Gayatri Mantra के उच्चारण, मंत्र के अर्थ और जाप विधि को विस्तार से बताया गया है –

Venkateswara Gayatri Mantra

ॐ वेंकटेशाय विद्महे ॐ श्रीमन्नाधाय धीमहि,
तन्नः श्री शः प्रचोदयात्॥1॥

अर्थ- हम भगवान वेंकटेश (श्रीनिवास) को जानें, जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड के पालनकर्ता हैं, श्री लक्ष्मी के प्रियतम और सम्पत्ति, करुणा व कल्याण के दाता हैं।

ॐ निरंजनाय विद्महे निरपश्याय धीमहि
तन्नो श्रीनिवासः प्रचोदयात्॥2॥

अर्थ- हम उनका ध्यान करें, जो नित्य निर्विकार, निरंजन और अनंत तेजस्वी हैं। वही प्रभु श्रीनिवास हमारी बुद्धि को आलोकित करें, हमें भक्ति, धैर्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें।

Venkateswara Gayatri Mantraॐ वेंकटेशाय विद्महे ॐ श्रीमन्नाधाय धीमहि,
तन्नः श्री शः प्रचोदयात्॥1॥अर्थ- हम भगवान वेंकटेश (श्रीनिवास) को जानें, जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड के पालनकर्ता हैं, श्री लक्ष्मी के प्रियतम और सम्पत्ति, करुणा व कल्याण के दाता हैं।ॐ निरंजनाय विद्महे निरपश्याय धीमहि
तन्नो श्रीनिवासः प्रचोदयात्॥2॥अर्थ- हम उनका ध्यान करें, जो नित्य निर्विकार, निरंजन और अनंत तेजस्वी हैं। वही प्रभु श्रीनिवास हमारी बुद्धि को आलोकित करें, हमें भक्ति, धैर्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें।

Venkateswara Gayatri Mantra भगवान बालाजी की कृपा प्राप्त करने का दिव्य माध्यम है। नियमित जाप से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। यदि आप अन्य शक्तिशाली मंत्रों की तलाश में हैं, तो narsingh gayatri mantra, ayyappa gayatri mantra और murugan gayatri mantra के जाप से भी आध्यात्मिक उन्नति संभव है। इन मंत्रों को जानकर आप अपने जीवन को नई दिशा दे सकते हैं।

वेंकटेश्वर भगवान के मंत्र की जाप विधि

भगवान वेंकटेश्वर के इस मंत्र का जाप विधिपूर्वक करने से भक्त को आत्मिक बल, मानसिक शांति और भौतिक समृद्धि प्राप्त होती है। नीचे इसकी संपूर्ण जाप विधि दी गई है:

  1. शुभ समय: वेंकटेश्वर गायत्री मंत्र का जाप ब्रह्ममुहूर्त (प्रातः 4 से 6 बजे) या गुरुवार के दिन करना श्रेष्ठ माना जाता है।
  2. स्नान:जाप से पहले पवित्रता आवश्यक है, इसलिए स्नान कर पीले या सफेद वस्त्र पहनें क्योकि पीला रंग विष्णु का प्रिय है।
  3. पूजा स्थान: अब भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति या फोटो को पूजा स्थान पर रखकर उनके सामने दीपक, अगरबत्ती और पुष्प चढ़ाएं।
  4. संकल्प लें: मंत्र जाप से पूर्व भगवान वेंकटेश्वर से अपनी मनोकामना कहकर संकल्प लें कि आप इस मंत्र का जाप कितनी बार करेंगे।
  5. मंत्र का जाप करें: अब पूरी विश्वास और श्रद्धा के साथ कम से कम 108 बार मंत्र का जाप करें। आप चाहें तो तुलसी या रुद्राक्ष की माला का प्रयोग जाप के लिए कर सकते है। श्रद्धा और भक्ति के साथ मंत्र का उच्चारण करें।
  6. प्रार्थना करें: जाप के पश्चात भगवान वेंकटेश्वर की आरती करें और उनसे कृपा की प्रार्थना करें की वो आपके जीवन को सुख और समृद्धी से भर दे।

यह न केवल कष्टों को दूर करता है, बल्कि ईश्वर की निकटता का मधुर अनुभव भी कराता है। जो Venkateswara Gayatri Mantra Lyrics का श्रद्धापूर्वक जाप करता है, उसका जीवन दया, धर्म और दिव्यता से भर उठता है।

FAQ

इस मंत्र का जाप किस दिन करना शुभ होता है?

गुरुवार को और ब्रह्ममुहूर्त में इसका जाप करना अत्यंत शुभ माना गया है।

क्या इस मंत्र से धन की प्राप्ति हो सकती है?

क्या मंत्र के साथ व्रत रखना आवश्यक है?

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