वास्तु गायत्री मंत्र: घर में संतुलन और शुभ ऊर्जा के लिए दिव्य मंत्र

वास्तु गायत्री मंत्र एक पवित्र वैदिक मंत्र है जो हमारे घर, भवन या किसी भी निर्माण स्थल को सकारात्मक ऊर्जा से भरने के लिए जपा जाता है। यह मंत्र वास्तु पुरुष को समर्पित है, जो हर निर्माण के केंद्र में स्थित देवता माने जाते हैं। इसलिए हमने आपके जीवन को वास्तु मुक्त बनाने के लिए Vastu Gayatri Mantra को यहां दिया हुआ है-

Vastu Gayatri Mantra

वास्तुनाथाय विद्महे चतुर्भुजाय धीमहि,
तन्नो वास्तुः प्रचोदयात्॥

अर्थ- हम वास्तु पुरुष का ध्यान करते हैं, जो निवास का रक्षक है। हम चतुर्भुज भगवान का चिंतन करते हैं, वह वास्तु पुरुष हमें प्रेरित और मार्गदर्शित करें।

Vastu Gayatri Mantra

वास्तुनाथाय विद्महे चतुर्भुजाय धीमहि,
तन्नो वास्तुः प्रचोदयात्॥

Vastu Gayatri Mantra से घर में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और संतुलन बना रहता है। यह मंत्र स्थान की नकारात्मकता को दूर कर दिव्यता को आमंत्रित करता है। अगर आप अपने जीवन में ग्रह दोषों से मुक्ति चाहते हैं तो Navagraha Gayatri Mantra का जाप भी जरूर करें। साथ ही, Kethu Gayatri Mantra और Naag Gayatri Mantra भी विशेष रूप से लाभकारी माने गए हैं।

इस दिव्य मंत्र का जप कब और कैसे करें?

Vastu Purusha Gayatri Mantra नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर वातावरण में स्थिरता, शुभता और सात्त्विकता लाने का प्रभावशाली माध्यम है। नीचे दी गई विधि से जाप करें और अपने स्थान को दिव्यता से भरें।

  1. शुभ दिन और समय: इस मंत्र का जप किसी नवीन गृह प्रवेश, भूमि पूजन, या बृहस्पतिवार/रविवार की सुबह में करना सबसे उत्तम होता है।
  2. स्थान की शुद्धि: संपूर्ण स्थान को पहले साफ करें और फिर गंगाजल या गौमूत्र से छिड़काव कर वातावरण को पवित्र बनाएं। चारों दिशाओं में शंख या घंटी बजाएं।
  3. पूजा सामग्री: दीपक, अगरबत्ती, चंदन, रोली, अक्षत, पुष्प, नारियल, पंचमेवा, तांबे का कलश, और भूमि पूजन हेतु हल्दी-चावल का उपयोग करें।
  4. स्थापना: पूजा स्थान पर वास्तु पुरुष का फोटो या यंत्र स्थापित करें और साथ में भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी का भी आह्वान करें।
  5. संकल्प: उत्तर दिशा की ओर मुख करके आसान पर बैठें और हाथ जोड़कर संकल्प लें कि आप घर की शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए यह मंत्र जप कर रहे हैं।
  6. मंत्र जप: वास्तु गायत्री मंत्र जाप कम से कम 11 या 21 बार पूरी श्रद्धा के साथ करें। जाप करते समय शांत चित्त से भवन के हर कोने में मानसिक रूप से शुभ ऊर्जा भेजें।
  7. आरती: अंत में एक छोटी आरती करें और भगवान से प्रार्थना करें कि यह स्थान शांत, सुरक्षित और समृद्ध बना रहे।

FAQ

क्या यह मंत्र वास्तु दोष दूर कर सकता है?

क्या यह मंत्र फ्लैट या किराये के मकान में भी काम करता है?

क्या इसे ऑडियो या रिंगटोन के रूप में सुन सकते हैं?

क्या यह मंत्र फेंगशुई या वास्तु टोटकों से बेहतर है?

मंत्र का प्रभाव कितने समय में दिखता है?

नियमित जप करने पर कुछ ही दिनों में वातावरण की ऊर्जा में स्पष्ट अंतर महसूस होता है।

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