वाराही गायत्री मंत्र: अद्भुत तांत्रिक शक्तियों से भरपूर मंत्र

वाराही गायत्री मंत्र देवी वाराही को प्रसन्न करने वाला एक शक्तिशाली तांत्रिक स्तोत्र है। यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों, शत्रु बाधा और मानसिक भय को दूर करता है। Varahi Gayatri Mantra का श्रद्धा से जाप करने से साधक को अदृश्य सुरक्षा प्राप्त होती है। निचे हमने आपके सुविधा के लिए Varahi Gayatri Mantra Lyrics को मुख्य रूप से उपलब्ध कराया है।

Varahi Gayatri Mantra Lyrics

॥ ॐ महिषध्वजयै विद्महे दंडहस्तैै धीमहि तन्नो वरही प्रचोदयात॥

Varahi Gayatri Mantra Lyrics

॥ ॐ महिषध्वजयै विद्महे दंडहस्तैै धीमहि तन्नो वरही प्रचोदयात॥

यदि आप तांत्रिक और शक्तिशाली गायत्री मंत्रों में रुचि रखते हैं, तो काला भैरव गायत्री मंत्र, शिव गायत्री मंत्र और रूद्र गायत्री मंत्र जैसे हमारे विशिष्ट लेख भी ज़रूर पढ़ें, और वाराही देवी मंत्र का जाप कर देवी वाराही की कृपा को प्राप्त करें। जो आपके आध्यात्मिक जीवन को और भी गहरा बनाएगा।

वाराही गायत्री मंत्र जाप विधि

  1. जाप का शुभ समय: अमावस्या, अष्टमी, या रात्रि समय देवी वाराही की उपासना के लिए विशेष मानी जाती है। तांत्रिक साधना में वाराही माता मंत्र को मध्यरात्रि के समय करना अत्यंत फलदायी होता है।
  2. आसन और दिशा: काले या लाल वस्त्र धारण करें। आसन पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। चित्त को शांत करें और मंत्र के उच्चारण की तैयारी करें।
  3. आवश्यक सामग्री: शुद्ध घी का दीपक, लाल पुष्प, लौंग, कपूर, और देवी की मूर्ति या फोटोरुद्राक्ष या काली हकीक माला से जाप करें।
  4. मंत्र का जाप: यह मंत्र 108 बार जाप करना श्रेष्ठ होता है। विशेष रूप से शनिवार, अमावस्या या रात्रि साधना के समय इसका जाप बहुत प्रभावशाली होता है।
  5. साधना: मंत्र जाप के बाद देवी वाराही की स्तुति करें। उन्हें अर्पित नैवेद्य जैसे गुड़, नारियल या लाल फूल चढ़ाएं। शांत मन से उनसे अपने भय, संकट और शत्रु बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें।

FAQ

इस मंत्र का जाप किसे करना चाहिए?

जो साधक देवी उपासना, शक्ति साधना या तांत्रिक साधना में रुचि रखते हैं, वे इस मंत्र का जाप करें।

वाराही देवी कौन हैं?

क्या यह मंत्र शत्रु बाधा से रक्षा करता है?

Leave a comment