माँ कामाक्षी, त्रिपुरसुंदरी स्वरूप की आदिशक्ति हैं, जिन्हें सौंदर्य, करुणा और सिद्धि की देवी माना जाता है। जब साधक आत्मिक उत्थान, तेजस्विता और आध्यात्मिक अनुभव की तलाश करता है, तब कामाक्षी गायत्री मंत्र उसकी साधना का विशेष आधार बनता है। हमने खास आपके लिए इस दिव्य Kamakshi Gayatri Mantra को यहां उपलब्ध कराया है-
Kamakshi Gayatri Mantra
ॐ कामाक्षायै विद्महे,
नित्यक्लिन्नायै धीमहि,
तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
अर्थ- हम देवी कामाक्षी को जानें, जो इच्छा, करुणा और सौंदर्य की अधिष्ठात्री हैं। हम उन नित्य स्नेहमयी, सर्वदा कृपा बरसाने वाली देवी का ध्यान करें। वे आदिशक्ति देवी हमारे मन, बुद्धि और आत्मा को शुभ और कल्याणकारी मार्ग की ओर प्रेरित करें।

कामाक्षी गायत्री मंत्र की साधना से साधक को देवी की करुणा और आंतरिक शक्ति का अनुभव होता है। यदि आप स्त्री ऊर्जा की विविध रूपों को और भी गहराई से जानना चाहते हैं, तो कन्याका परमेश्वरी गायत्री मंत्र से कन्याशक्ति की दिव्यता को अनुभव करें, बगलामुखी गायत्री मंत्र से रक्षा और विजय प्राप्त करें, दक्षिणामूर्ति गायत्री मंत्र से आध्यात्मिक बोध जगाएं और वाराही अम्मन गायत्री मंत्र से आत्मरक्षा और अदम्य शक्ति को जागृत करें।
कामाक्षी देवी गायत्री मंत्र जाप विधि
Kamakshi Devi Gayatri Mantra नारीत्व, आकर्षण और मानसिक संतुलन की ऊर्जा को जाग्रत करता है। यदि आप देवी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए जाप विधि को श्रद्धा और नियमपूर्वक अपनाएं-
- उपयुक्त दिन: शुक्रवार, नवरात्रि, या पूर्णिमा का दिन जाप के लिए अत्यंत शुभ होता है। पूजा के लिए स्वच्छ, एकांत और शांत वातावरण चुनें, जहां ध्यान और साधना में बाधा न हो।
- साफ वस्त्र: स्नान कर तन-मन को शुद्ध करें और देवी पूजा के लिए स्वच्छ, विशेषकर लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें। ये रंग देवी की ऊर्जा और सौंदर्य का प्रतीक हैं।
- पूजा स्थल: पूजा स्थान को गुलाब, कमल या चंपा जैसे सुगंधित पुष्पों से सजाएं और दीप, धूप और चंदन से वातावरण को पवित्र और भक्तिमय बनाएं।
- ध्यान करें: मन की आंखों से देवी कामाक्षी के दिव्य रूप का ध्यान करें, वे सौंदर्य, करुणा और तेज से युक्त हैं, उनके चेहरे पर शांति और ममता का भाव होता है।
- मंत्र जाप: अब “ॐ कामाक्षायै विद्महे, नित्यक्लिन्नायै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्।” इस गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।
- प्रार्थना करें: जाप पूर्ण होने के बाद हाथ जोड़कर देवी को अपनी मनोकामनाएं निवेदित करें और उनके चरणों में समर्पण भाव से अपनी भावनाएं व्यक्त करें।
Kamakshi Gayatri Mantra का यह विधिपूर्वक जाप न केवल आपके भीतर प्रेम, आकर्षण और आत्मबल को जाग्रत करता है, बल्कि यह साधना आपके मन को सौम्यता, करुणा और स्थिरता से भर देती है।
FAQ
क्या यह मंत्र सभी साधकों के लिए उपयुक्त है?
हाँ, यह मंत्र स्त्री और पुरुष दोनों के लिए लाभकारी है, बशर्ते श्रद्धा और नियम से किया जाए।
इस मंत्र का जाप किस समय करना चाहिए?
सुबह के ब्रह्म मुहूर्त या रात्रि में शांत वातावरण में इसका जाप अत्यंत प्रभावशाली होता है।
क्या यह मंत्र सौंदर्य और आभा बढ़ाता है?
जी हाँ, यह देवी का विशेष गुण है और इस मंत्र से साधक की आभा तथा आकर्षण में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
क्या कामाक्षी देवी के गायत्री मंत्र को नवरात्रि में जप सकते हैं?
हाँ, नवरात्रि इस मंत्र की सिद्धि और साधना के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।

मैं श्रुति शास्त्री , एक समर्पित पुजारिन और लेखिका हूँ, मैं अपने हिन्दू देवी पर आध्यात्मिकता पर लेखन भी करती हूँ। हमारे द्वारा लिखें गए आर्टिकल भक्तों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, क्योंकि मैं देवी महिमा, पूजन विधि, स्तोत्र, मंत्र और भक्ति से जुड़ी कठिन जानकारी सरल भाषा में प्रदान करती हूँ। मेरी उद्देश्य भक्तों को देवी शक्ति के प्रति जागरूक करना और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत करना है।View Profile