जब जीवन में भय, संकट या नकारात्मकता हावी हो जाए, तब चंडी गायत्री मंत्र साधक को आत्मबल और रक्षण प्रदान करता है। यह मंत्र न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि साधना के माध्यम से भीतर की देवी शक्ति को जाग्रत भी करता है। हमने आपके दुखो को काम करने और समृद्धि के लिए Chandi Gayatri Mantra को नीचे दिया है-
Chandi Gayatri Mantra
ॐ ऐं चण्डिकायै विद्महे त्रिपुरायै धिमहि,
तन्नो गौरी प्रचोदयात् क्लीं॥
भावार्थ- हम माँ चण्डिका को जानने का प्रयास करते हैं, जो तीनों लोकों की अधिष्ठात्री शक्ति – त्रिपुरा – हैं। हम उनका ध्यान करते हैं कि वे माँ गौरी के रूप में हमारे भीतर प्रकाश भरें, हमारी बुद्धि को जाग्रत करें और शक्ति का संचार करें।

Chandi Devi Gayatri Mantra केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि शक्तिशाली रक्षा कवच है जो साधक को मानसिक, आत्मिक और भौतिक स्तर पर निडर बनाता है। यदि आप और भी शक्तिशाली स्त्री शक्ति के मंत्रों की तलाश में हैं, तो बगलामुखी गायत्री मंत्र, दुर्गा गायत्री मंत्र और माँ काली गायत्री मंत्र को भी नियमित रूप से पढ़ें और साधना करें, ये मंत्र साधक को अद्भुत आत्मबल और दिव्य ऊर्जा से भर देते हैं।
मंत्र जाप करने की विधि
Chandi Gayatri Mantra का जाप आपके भीतर देवी शक्ति की जागृति करता है, जो न केवल मानसिक दृढ़ता देती है, बल्कि भीतर छिपी ऊर्जा को जागृत कर आत्मिक बल प्रदान करती है-
- समय और तिथि: इस मंत्र का जाप नवरात्रि, अष्टमी, चतुर्दशी या पूर्णिमा के दिन शुभ होता है। चाहें तो नियमित रूप से प्रातःकाल अथवा संध्या वेला में जाप करें।
- स्थान और शुद्धता: एक शांत, पवित्र और एकाग्रता वाले स्थान पर माँ दुर्गा या चण्डिका का फोटो या यंत्र स्थापित करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा-स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- सामग्री: लाल पुष्प, अक्षत, कुमकुम, दीपक, धूप, और नैवेद्य रखें। देवी को लाल चुनरी या वस्त्र भी अर्पण करें।
- आसन और ध्यान: आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। आँखें बंद करें और माँ चण्डिका के त्रिनेत्र व त्रिशूलधारी स्वरूप का ध्यान करें।
- मंत्र जाप: रुद्राक्ष की माला से 108 बार “ॐ ऐं चण्डिकायै विद्महे त्रिपुरायै धीमहि, तन्नो गौरी प्रचोदयात् क्लीं॥” मंत्र का जाप करें। उच्चारण शुद्ध और श्रद्धा से भरा होना चाहिए।
- प्रार्थना और समर्पण: जाप पूर्ण होने पर माँ चण्डिका से आशीर्वाद की प्रार्थना करें — “हे माँ, मुझे भय, संकोच, दुर्बलता से मुक्त कर आत्मबल, संयम और साहस प्रदान करो।”
जब चंडी गायत्री मंत्र पूर्ण श्रद्धा और निष्ठा से जपा जाता है, तब माँ चण्डिका की कृपा जीवन में दिव्य सुरक्षा-कवच की तरह कार्य करती है। यह साधना आपको न केवल आत्मबल देती है, बल्कि हर संकट में साहसपूर्वक खड़े रहने की शक्ति भी प्रदान करती है।
FAQ
यह मंत्र किन लोगों के लिए उपयुक्त है?
यह मंत्र उन लोगों के लिए है जो जीवन में बार-बार बाधाओं, भय या शत्रुओं से घिरे होते हैं।
क्या इसे नवरात्रों में जपना विशेष फलदायी होता है?
बिलकुल, नवरात्रों में चंडी मंत्र का जाप करने से विशेष ऊर्जा और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
क्या यह मंत्र तंत्र बाधा या बुरी नजर को भी हटाता है?
जी हाँ, चंडी मंत्र विशेष रूप से नकारात्मक ऊर्जा और नजर दोष को नष्ट करता है।
क्या यह मंत्र नौकरी या कोर्ट केस में भी लाभ देता है?
हाँ, जब शत्रुता या अन्याय की स्थिति हो, तब यह मंत्र आत्मबल और सफलता देता है।
क्या इस मंत्र से मानसिक शांति भी मिलती है?
हाँ, यह मंत्र मन को स्थिर और निडर बनाता है। इसका उच्चारण मानसिक शक्ति बढ़ाता है।

मैं श्रुति शास्त्री , एक समर्पित पुजारिन और लेखिका हूँ, मैं अपने हिन्दू देवी पर आध्यात्मिकता पर लेखन भी करती हूँ। हमारे द्वारा लिखें गए आर्टिकल भक्तों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, क्योंकि मैं देवी महिमा, पूजन विधि, स्तोत्र, मंत्र और भक्ति से जुड़ी कठिन जानकारी सरल भाषा में प्रदान करती हूँ। मेरी उद्देश्य भक्तों को देवी शक्ति के प्रति जागरूक करना और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत करना है।View Profile