बुध गायत्री मंत्र: बुध ग्रह की कृपा पाने वाला पवित्र मंत्र

बुध गायत्री मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली वैदिक मंत्र है जो बुध ग्रह की अनुकूलता पाने, बुद्धि, वाणी, और व्यवसाय में सफलता हेतु जपा जाता है। यह मंत्र उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है जिनकी कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो या जिन्हें ग्रहों के दोष से मुक्ति चाहिए। दिव्य Budhan Gayatri Mantra इस प्रकार से है –

Budhan Gayatri Mantra

ॐ गजध्वजाय विद्महे सुखहस्ताय धीमहि,
तन्नो बुध: प्रचोदयात॥1॥

अर्थ- हम उस बुधदेव का ध्यान करते हैं, जो गजध्वज (हाथी का झंडा) धारण करते हैं और जिनके हाथ सुखद और समर्थ हैं। हम उनकी दिव्यता में मन लगाकर उनकी कृपा से बुद्धि और विवेक की प्रेरणा प्राप्त करने का संकल्प करते हैं।

ॐ सौम्यरूपाय विद्महे बाणेशाय धीमहि,
तन्नो बुध: प्रचोदयात॥2॥

अर्थ- हम उस सौम्य और शांति स्वरूप बुधदेव का ध्यान करते हैं, जिन्हें बाणेश्वर भी कहा जाता है। हम मन से उनकी उपासना करते हुए उनसे ज्ञान, सही मार्गदर्शन और प्रज्ञा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

Budhan Gayatri Mantra

ॐ गजध्वजाय विद्महे सुखहस्ताय धीमहि,
तन्नो बुध: प्रचोदयात॥1॥

अर्थ- हम उस बुधदेव का ध्यान करते हैं, जो गजध्वज (हाथी का झंडा) धारण करते हैं और जिनके हाथ सुखद और समर्थ हैं। हम उनकी दिव्यता में मन लगाकर उनकी कृपा से बुद्धि और विवेक की प्रेरणा प्राप्त करने का संकल्प करते हैं।

ॐ सौम्यरूपाय विद्महे बाणेशाय धीमहि,
तन्नो बुध: प्रचोदयात॥2॥

अर्थ- हम उस सौम्य और शांति स्वरूप बुधदेव का ध्यान करते हैं, जिन्हें बाणेश्वर भी कहा जाता है। हम मन से उनकी उपासना करते हुए उनसे ज्ञान, सही मार्गदर्शन और प्रज्ञा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

यदि आप बुध ग्रह के दोषों को शांत करके अपने जीवन में विवेक, सफलता और संवाद कौशल बढ़ाना चाहते हैं, तो Budhan Gayatri Mantra अत्यंत प्रभावशाली उपाय है। इसी श्रृंखला में आप Shani Gayatri Mantra in Hindi, Mangal Gayatri Mantra और Kethu Gayatri Mantra जैसे अन्य ग्रह मंत्रों का जाप करके शनि दोष, राहु दोष मंगल दोष आदि से छुटकारा प्राप्त कर सकते है।

बुध भगवान गायत्री मंत्र जाप की विधि

मंत्र की जाप विधि आध्यात्मिक उन्नति और मनोबल को प्रबल करने का दिव्य मार्ग है। हमने आपके लिए इस पावन साधना की संपूर्ण विधि यहाँ विस्तार से प्रस्तुत की है-

  1. पूजा स्थल: सुबह के समय पूजा स्थल की सफाई करें और वहाँ गायत्री माता व बुध ग्रह की प्रतिमा या प्रतिक स्थापित करें। एक सफेद कपड़ा बिछाकर आसन लगाएं।
  2. स्वयं को शुद्ध करें: स्नान करके स्वच्छ हरे या हल्के रंग के वस्त्र पहनें। बुध ग्रह का संबंध हरियाली और स्वच्छता से है, इसलिए मन व शरीर दोनों की शुद्धता आवश्यक है।
  3. दीपक जलाएं: देसी घी का दीपक जलाएं और चंदन या कपूर की अगरबत्ती से वातावरण को सुगंधित करें। इससे ध्यान एकाग्र रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  4. मंत्र जाप: अब माला लेकर आँखें बंद करें और श्रद्धापूर्वक budhan bhagavan gayatri mantra का उच्चारण शुरू करें। हर मनके पर मंत्र जपें और मन को मंत्र की ध्वनि में स्थिर करें।
  5. 108 बार: कम से कम 108 बार मंत्र का जप करें। यदि समय न हो तो कम से कम एक माला अवश्य करें। लगातार 21 या 40 दिन यह साधना करें तो विशेष फल मिलता है।
  6. समापन: मंत्र जाप के बाद बुध देवता और माँ गायत्री को धन्यवाद दें। उनसे बुद्धि, वाणी और व्यापार में सफलता के लिए आशीर्वाद माँगें।

बुध गायत्री मंत्र जाप को नियमित करने से बुद्धि का विकास होता है, निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की दिशा खुलती है।

FAQ

मंत्र किस ग्रह के दोष को शांत करता है?

क्या इसे केवल कुंडली दोष वाले ही जप सकते हैं?

नहीं, यह मंत्र हर कोई जप सकता है जो बुद्धिमत्ता, वाणी की स्पष्टता और व्यवसाय में सफलता चाहता है।

क्या यह मंत्र व्यापार में लाभ दिला सकता है?

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