अन्नपूर्णा गायत्री मंत्र: भक्ति, भरपूरता और कृपा का आह्वान

माँ अन्नपूर्णा गायत्री मंत्र अन्न की देवी माता अन्नपूर्णा को समर्पित है, जो ना केवल भोजन का वरदान देती हैं, बल्कि संतोष, करुणा और घर में सौहार्द का भी आशीर्वाद देती हैं। Annapurna Gayatri Mantra का जाप करने से जीवन में कभी भी अन्न, प्रेम या श्रद्धा की कमी नहीं होती। हमने आपके लिए इस दिव्य मंत्र को यहां प्रस्तुत किया है-

Annapurna Gayatri Mantra

ॐ भगवत्यै च विद्महे महेश्वर्यै च धीमहि,
तन्नोन्नपूर्णा प्रचोदयात्॥

भावार्थ: हम माँ भगवती अन्नपूर्णा को जानें, जो भगवान शिव की अधिष्ठात्री शक्ति हैं। हम उस महेश्वरी स्वरूप का ध्यान करते हैं, जो समस्त सृष्टि का पालन-पोषण करती हैं। वे माँ अन्नपूर्णा हमारी बुद्धि को पोषण, करुणा और संतुलन की ओर प्रेरित करें।

Annapurna Gayatri Mantra

ॐ भगवत्यै च विद्महे महेश्वर्यै च धीमहि,
 तन्नोन्नपूर्णा प्रचोदयात्॥

माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद पाने के लिए Annapurna Gayatri Mantra का नियमित जाप अत्यंत फलदायक होता है क्योंकि यह न केवल अन्न की पूर्ति करता है, बल्कि जीवन में संतोष और संतुलन भी लाता है। यदि आप और अधिक शक्तिशाली देवी मंत्रों का अनुभव करना चाहते हैं तो वराही गायत्री मंत्र लिरिक्स, दुर्गा गायत्री मंत्र और माँ काली गायत्री मंत्र का भी श्रद्धा पूर्वक पाठ करें। ये मंत्र साधक को निडरता, शक्ति और दिव्य ऊर्जा से भर देते हैं।

इस मंत्र का जाप करने की विधि

यदि आप जीवन में शांति, संतोष और अन्नपूर्णता का आह्वान करना चाहते हैं, तो नीचे बताई गई विधि के अनुसार माँ अन्नपूर्णा के इस दिव्य गायत्री मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप आरंभ करें:

  • स्नान करें: जाप से पहले स्नान कर लें और घर की रसोई या पूजा स्थान को शुद्ध करें। माँ अन्नपूर्णा को स्वच्छता बहुत प्रिय है।
  • माँ अन्नपूर्णा: एक थाली में अन्न रखकर माँ अन्नपूर्णा की इमेज या मूर्ति के सामने रखें। यह अन्न प्रतीकात्मक रूप से उनका आशीर्वाद दर्शाता है।
  • वस्त्र धारण: माँ के मंत्र जाप के दौरान पीले या सफेद वस्त्र पहनें, क्योकि ये रंग माँ अन्नपूर्णा से जुड़ाव और पवित्रता को दर्शाते हैं।
  • पात्र : पूजन स्थल पर घी का एक दीपक जलाएं और चावल से भरा हुआ एक पात्र रखें, जो अन्न का प्रतीक है और मंत्र की शक्ति को बढ़ाता है।
  • ध्यान करें: आंखें बंद करके गहरी सांस लें और माँ अन्नपूर्णा का स्मरण करें। मन में भाव होना चाहिए कि वो घर में सदा अन्न और प्रेम बनाए रखें।
  • जाप: अब श्रद्धा और विश्वास के साथ Annapurna Devi Gayatri Mantra का जाप करे। जाप के साथ-साथ मंत्र के अर्थ को भी समझने का प्रयास करें।
  • दान करें: जाप पूर्ण होने के बाद गरीब या ज़रूरतमंद को अन्न दान करना अति पुण्यकारी माना जाता है और मंत्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

इस प्रकार अन्नपूर्णा गायत्री मंत्र का नियमित जाप न केवल आपके घर में अन्न और संसाधनों की वृद्धि करता है, बल्कि माँ अन्नपूर्णा की करुणा से मन को स्थिरता और आत्मा को संतुलन भी प्राप्त होता है।

FAQ

अन्नपूर्णा माता के गायत्री मंत्र का जाप किस समय करना चाहिए?

सुबह के समय रसोई की सफाई के बाद या संध्या के समय पूजा करके मंत्र जाप करना श्रेष्ठ माना गया है।

क्या इस मंत्र से घर में अन्न की वृद्धि होती है?

क्या माँ अन्नपूर्णा का कोई व्रत भी होता है?

क्या इस मंत्र से मानसिक संतोष भी मिलता है?

Leave a comment