ॐ गायत्री मंत्र: जानें महामंत्र का रहस्य और सही जाप विधि

ॐ गायत्री मंत्र वैदिक ऋचाओं में सर्वश्रेष्ठ माना गया है, जो आत्मा की शुद्धि और दिव्यता के लिए जपा जाता है। Om Gayatri Mantra ध्यान, साधना और मानसिक शांति हेतु अत्यंत प्रभावशाली है। Om Bhur Bhuvah Svah Gayatri Mantra ऋषि विश्वामित्र द्वारा दिया गया एक दिव्य उपहार है।

Om Gayatri Mantra

॥ ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

Gayatri Mantra Meaning in Hindi: हम उस दिव्य प्रकाश को ध्यानपूर्वक धारण करते हैं, जो सभी लोकों (भू, भुवः, स्वः) को प्रकाशित करता है। वह परम तेज हमें सद्बुद्धि प्रदान करे।

Om Gayatri Mantra

॥ ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

यदि आप अन्य गायत्री मंत्रों जैसे शिव गायत्री मंत्र या सरस्वती गायत्री मंत्र के बारे में भी जानना चाहते हैं, तो Bhakti Sandesh के हमारे विशेष लेख ज़रूर पढ़ें। आपकी साधना को पूर्णता मिले, यही हमारी कामना है।

ॐ गायत्री मंत्र के जाप की विधि

  1. समय का चयन: ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक) और संध्याकाल का समय जाप के लिए सबसे पवित्र माना गया है। नित्य प्रातः और संध्या को जप करने से विशेष फल मिलता है।
  2. दिशा चयन: पूर्व दिशा की ओर मुख करके कम्बल या कुशा के आसन पर बैठें। शरीर और मन दोनों को शांत रखें।
  3. जरुरी सामग्री: तांबे या पीतल के लोटे में जल, दीपक, चंदन, पुष्प और गायत्री माता की फोटो या मूर्ति।
  4. जाप: इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। प्रत्येक जप में श्रद्धा, ध्यान और समर्पण होना चाहिए।
  5. जाप समापन: गायत्री माता को पुष्प अर्पित करें और शांत भाव से प्रणाम करें। जल को तुलसी या पवित्र स्थान पर अर्पित करें।

FAQ

क्या इस मंत्र का केवल “ॐ” बोलना भी लाभकारी होता है?

हाँ, “ॐ” ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो मानसिक शांति प्रदान करती है। परंतु संपूर्ण गायत्री मंत्र का जाप अधिक प्रभावशाली होता है।

बच्चों को क्या यह मंत्र सिखाना चाहिए?

क्या इस मंत्र का गलत उच्चारण नुकसानदेह हो सकता है?

क्या इस मंत्र से आध्यात्मिक उन्नति संभव है?

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