ॐ गायत्री मंत्र वैदिक ऋचाओं में सर्वश्रेष्ठ माना गया है, जो आत्मा की शुद्धि और दिव्यता के लिए जपा जाता है। Om Gayatri Mantra ध्यान, साधना और मानसिक शांति हेतु अत्यंत प्रभावशाली है। Om Bhur Bhuvah Svah Gayatri Mantra ऋषि विश्वामित्र द्वारा दिया गया एक दिव्य उपहार है।
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ॐ गायत्री मंत्र के जाप की विधि
- समय का चयन: ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक) और संध्याकाल का समय जाप के लिए सबसे पवित्र माना गया है। नित्य प्रातः और संध्या को जप करने से विशेष फल मिलता है।
- दिशा चयन: पूर्व दिशा की ओर मुख करके कम्बल या कुशा के आसन पर बैठें। शरीर और मन दोनों को शांत रखें।
- जरुरी सामग्री: तांबे या पीतल के लोटे में जल, दीपक, चंदन, पुष्प और गायत्री माता की फोटो या मूर्ति।
- जाप: इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। प्रत्येक जप में श्रद्धा, ध्यान और समर्पण होना चाहिए।
- जाप समापन: गायत्री माता को पुष्प अर्पित करें और शांत भाव से प्रणाम करें। जल को तुलसी या पवित्र स्थान पर अर्पित करें।
FAQ
क्या इस मंत्र का केवल “ॐ” बोलना भी लाभकारी होता है?
हाँ, “ॐ” ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो मानसिक शांति प्रदान करती है। परंतु संपूर्ण गायत्री मंत्र का जाप अधिक प्रभावशाली होता है।
बच्चों को क्या यह मंत्र सिखाना चाहिए?
हाँ, यह मंत्र विद्यार्थियों के लिए एकाग्रता और समझ बढ़ाने में सहायक है।
क्या इस मंत्र का गलत उच्चारण नुकसानदेह हो सकता है?
हां, वेदों के अनुसार मंत्रों का शुद्ध उच्चारण अत्यंत आवश्यक है, इसलिए पहले सही उच्चारण सीखें।
क्या इस मंत्र से आध्यात्मिक उन्नति संभव है?
बिल्कुल, यह मंत्र आत्मा की शुद्धि और ब्रह्मज्ञान की ओर अग्रसर करता है।
मैं श्रुति शास्त्री , एक समर्पित पुजारिन और लेखिका हूँ, मैं अपने हिन्दू देवी पर आध्यात्मिकता पर लेखन भी करती हूँ। हमारे द्वारा लिखें गए आर्टिकल भक्तों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, क्योंकि मैं देवी महिमा, पूजन विधि, स्तोत्र, मंत्र और भक्ति से जुड़ी कठिन जानकारी सरल भाषा में प्रदान करती हूँ। मेरी उद्देश्य भक्तों को देवी शक्ति के प्रति जागरूक करना और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत करना है।View Profile