Ganesh Stuti Mantra | गणेश स्तुति मंत्र: विघ्नहर्ता की कृपा पाने का मार्ग

गणेश स्तुति मंत्र भगवान गणेश की महिमा का बखान करने वाला एक पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है, जिसे श्रद्धा और भक्ति के साथ गाया जाता है। Ganesh Stuti Mantra उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का एक तरीका है, जो न केवल उनके आशीर्वाद को आकर्षित करता है बल्कि जीवन की कठिनाइयों और बाधाओं को भी दूर करता है। इस स्तुति मंत्र का जप करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि, और सफलता प्राप्त होती है।

गणेश मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, जो अपने जीवन में शांति, स्थिरता और ज्ञान की खोज में हैं। यह मंत्र जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और सकारात्मकता का संचार करता है। यहां हमने आपके लिए इस मंत्र को नीचे उपलब्ध कराया है, जो इस प्रकार है –

गणेश स्तुति मंत्र

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय।
लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय॥ 1॥

नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥ 2॥

भक्तार्तिनाशनपराय गनेशाश्वराय।
सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय॥ 3॥

विद्याधराय विकटाय च वामना।
भक्त प्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते ॥4 ॥

नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपाय ते नम:,
नमस्ते रुद्राय्रुपाय करिरुपाय ते नम:॥5 ॥

विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारणे।
भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यं विनायक॥6 ॥

लम्बोदर नमस्तुभ्यं सततं मोदकप्रिय।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ 7॥

त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेति।
भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति॥ 8॥

विद्याप्रत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति।
तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव॥ 9॥

गणेशपूजने कर्म यन्न्यूनमधिकं कृतम।
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नोSस्तु सदा मम॥ 10॥

अगर आप अपने पाठ के प्रभाव को और अधिक बढ़ाना कहते है तो Jai Ganesh Aarti, Ganesh Ji Ke Nare और Ganesh Bhajan Lyrics आदि को भी अपने पाठ में शामिल कर सकते है।

Ganesh Stuti Mantra जाप विधि

इस स्तुति मंत्र का जाप करने की विधि निम्नलिखित चरणों में विस्तार से दी गई है

  1. स्नान: गणेश स्तुति मंत्र का जाप करने से पहले स्नान करके स्वच्छ और आरामदायक कपड़े पहनें। यह शरीर और मन को शुद्ध करता है और ध्यान में स्थिरता लाता है।
  2. सफाई: पूजा स्थल को साफ और पवित्र करें, यह पूजा की स्वछता के लिए आवश्यक है। गणेश जी की मूर्ति या चित्र को अच्छे स्थान पर रखें और वहाँ दीपक, अगरबत्ती और फूल रखें।
  3. आवाहन: सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें और उन्हें मन से पुकारें। मंत्र का जाप करके उनका स्वागत करें और उनके स्वरुप और शक्तियों का ध्यान करें।
  4. मंत्र का जाप: अब स्तुति मंत्र का जाप करें। इस मंत्र को 3, 7, 11 या 108 बार जाप करें। प्रत्येक बार मंत्र का उच्चारण ध्यानपूर्वक और स्पष्ट रूप से करें।
  5. प्रसाद: पूजा के अंत में भगवान गणेश को मिठाई, फल या मोदक अर्पित करें। यह उनके प्रिय भोग होते हैं। इसके बाद प्रसाद को परिवार के सदस्यों में बांटें।
  6. आभार: अंत में भगवान गणेश का धन्यवाद करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएं।
  7. आरती: यदि संभव हो तो गणेश भगवान की आरती भी गाएं, जैसे “जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा…”। यह पूजा को पूर्णता और समर्पण की भावना से भर देता है।
  8. पालन और समापन: मंत्र जाप के बाद हाथ जोड़कर भगवान गणेश से अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें और पूजा का समापन करें।

इस स्तुति मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं, और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।

मंत्र जाप के लाभ

स्तुति मंत्र का जाप करने के अनेक लाभ होते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभों की सूची दी गई है:

  • सफलता: यह मंत्र समृद्धि, आर्थिक उन्नति, और सफलता का वरदान देता है। इसे नियमित रूप से जाप करने से व्यवसाय और करियर में सफलता प्राप्त होती है।
  • मानसिक शांति: यह मंत्र मानसिक तनाव को कम करता है और व्यक्ति को शांतिपूर्ण बनाता है, जिससे वह शांति और सुख का अनुभव करता है।
  • बुद्धि की वृद्धि: गणेश जी को ज्ञान और बुद्धि के देवता माना जाता है, इसलिए मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की सोच में स्पष्टता और बुद्धि में वृद्धि होती है।
  • परिवार में शांति: इस गणेश मंत्र से परिवार में सुख-शांति, प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है, जो परिवार के रिश्तों को मजबूत करता है और सदस्यों के बिच प्रेम भावना को बढ़ता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: नियमित जाप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह आत्मविश्वास और सशक्त मानसिकता प्रदान करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: स्तुति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  • प्राकृतिक ऊर्जा: मंत्र जाप से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो घर और आसपास के माहौल को सकारात्मक बनाता है।
  • शुद्धता और समर्पण: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की मानसिक स्थिति शुद्ध होती है और वह अधिक समर्पित और भक्तिपूर्वक जीवन जीता है।

मंत्र का नियमित जाप व्यक्ति के जीवन को प्रगति, सुख, समृद्धि और मानसिक शांति से भर देता है। यह एक शक्तिशाली साधना है जो जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और संतुलन लाती है।

FAQ

क्या मंत्र जप सामूहिक रूप से भी किया जा सकता है ?

हाँ, मंत्र का जाप सामूहिक रूप से किया जा सकता है, जाप के दौरान शांति बनाये रखे और मन को एकाग्र रखें।

क्या गणेश मंत्र का जाप किसी विशेष दिन पर ही करना चाहिए?

क्या स्तुति मंत्र का जाप घर में किया जा सकता है?

क्या यह मंत्र सभी के लिए उपयुक्त है ?

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