Ganesh Puja Mantra | गणेश पूजा मंत्र

गणेश पूजा मंत्र भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, उनके मंत्रों का जाप न केवल मानसिक शांति और संतुलन लाता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी रुकावटों और कठिनाइयों को दूर करने में भी सहायक होता है। Ganesh Puja Mantra का उच्चारण विशेष रूप से शुभ कार्यों की शुरुआत में किया जाता है, ताकि किसी भी कार्य में विघ्न न आए और सफलता प्राप्त हो।

इन गणेश मंत्रों का जप न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एक साधना भी है जो मन, शरीर और आत्मा को एकीकृत करता है। जब हम इन मंत्रों का ध्यानपूर्वक उच्चारण करते हैं, तो हमारी ऊर्जा सकारात्मक दिशा में बहती है, और हम अपने जीवन के उद्देश्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यहां हमने आपके लिए इन मंत्रों को नीचे उपलब्ध कराया है-

गणेश पूजा मंत्र

ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ,
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ।

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।

ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्,
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।

ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्।

ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी,
मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा।

ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा ॥

ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये,
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः।

ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते,
वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः,
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ।
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ,
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ॥

ॐ गं गणपतये नमः ॥

ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ॥

ॐ एकदंताय वक्रतुंडाय दिगम्बराय ॥

गणेश मंत्र भक्तों को नई दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करते है। ऐसे ही आप Ganesh Visarjan Mantra, Ganesh Stuti Mantra, Ganesh Vandana Mantra और Ganesh Chaturthi Mantra आदि का जाप भी कर सकते है।

Ganesh Puja Mantra की विधि

मंत्रों का जाप एक विशेष विधि से किया जाता है, जिससे उसका पूर्ण लाभ प्राप्त होता है। गणेश पूजा की विधि सरल है, लेकिन इसमें श्रद्धा और सही तरीके से ध्यान देना जरूरी है। यहां हम गणेश पूजा की विधि को चरणबद्ध तरीके से समझते हैं:

  1. स्वच्छता: पूजा करने से पहले स्नान करके शुद्ध होना चाहिए। यह शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में शुद्धता लाता है, जिससे पूजा में सही मानसिकता बनी रहती है।
  2. पुजास्थल: पूजा स्थल को साफ और पवित्र रखें और वहां एक सफेद कपड़ा या आसन बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र रखें। मूर्ति को अच्छे से स्नान कराकर उस पर चंदन, रोली और फूल चढ़ाएं।
  3. अगरबत्ती जलाना: पूजा स्थान पर दीपक और अगरबत्ती जलाएं ताकि वातावरण शुद्ध और शांतिमय बने।
  4. आमंत्रण: सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और उन्हें अपने घर में आने के लिए आमंत्रित करें।
  5. जाप: अब गणेश मंत्रों का जाप शुरू करें। मंत्र का 108 बार जप करना सबसे प्रभावी माना जाता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार इसे माला से या बिना माला के भी जप सकते हैं।
  6. संकल्प: उनके हाथों में मोदक, आक्षी, और आशीर्वाद देने वाली मुद्रा का ध्यान करते हुए संकल्प लें कि आप अपनी जिंदगी में अच्छे कर्म करेंगे और सभी विघ्नों को दूर करेंगे।
  7. भोग चढाना: गणेश भगवान को प्रिय पदार्थ जैसे लड्डू, फल, ताजे फूल आदि अर्पित करें। साथ ही इस समय आप अपनी इच्छाएं और उद्देश्य भगवान के सामने रखें, और आशीर्वाद प्राप्त करें।
  8. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान से प्राप्त आशीर्वाद को प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्यों को बांटें। यह सकारात्मक ऊर्जा को फैलाता है और परिवार में खुशहाली लाता है।
  9. समाप्ति: अंत में मंत्र का उच्चारण करते हुए पूजा समाप्त करें और भगवान गणेश का धन्यवाद करें।

इस प्रकार, गणेश जी के पूजा मंत्रों का जाप विधिपूर्वक करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं, और विघ्नों से मुक्ति मिलती है।

मंत्र जाप के लाभ

  • सफलता: इन पूजा मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। यह व्यक्ति को उसके प्रयासों में सफलता प्राप्त करने के लिए आशीर्वाद प्रदान करता है, साथ ही आर्थिक समृद्धि में भी वृद्धि होती है।
  • मानसिक शांति: गणेश मंत्रों का जाप मानसिक तनाव को कम करने और शांति प्रदान करने में मदद करता है। यह मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में वृद्धि करता है, जिससे व्यक्ति अपने लक्ष्यों को अधिक आसानी से प्राप्त कर सकता है।
  • बुद्धि में वृद्धि: उनके मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की मानसिक क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता, और शिक्षा में प्रगति होती है।
  • ऊर्जा का संचार: यह मंत्र व्यक्ति को नकारात्मकता से मुक्त करता है और उसकी जिंदगी में शुभ प्रभाव लाता है। घर और कार्यस्थल में सकारात्मक माहौल बनाए रखने के लिए यह मंत्र बहुत प्रभावी होते हैं।
  • संपत्ति और ऐश्वर्य: भगवान गणेश को धन और समृद्धि के भी देवता माना जाता है। उनके मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को ऐश्वर्य, संपत्ति और भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: गणेश पूजा का प्रभाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। यह शरीर को ऊर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करता है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

FAQ

गणेश जी के पूजा मंत्रों का जप कितनी बार करना चाहिए?

गणेश जी के पूजा मंत्रों का जप 108 बार करना सर्वोत्तम माना जाता है।

क्या पूजा मंत्र किसी विशेष दिन ही करनी चाहिए?

क्या गणेश मंत्र करते समय कोई विशेष ध्यान की मुद्रा अपनानी चाहिए?

क्या पूजा मंत्र का कोई विशेष समय है?

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