भारत में भगवान गणेश के अनेक मंदिर स्थित हैं, जिसमे से एक है कोटा में स्थित खड़े गणेश जी मंदिर, जो अपने अनोखे स्वरूप और चमत्कारी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। Khade Ganesh Ji Mandir में भगवान गणेश की प्रतिमा अन्य मंदिरों में स्थापित प्रतिमाओं से भिन्न है, क्योंकि यहाँ गणपति जी खड़े हुए स्वरूप में विराजमान हैं।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलमूर्ति कहा जाता है, और यह मंदिर उनकी दिव्य उपस्थिति का जीवंत प्रमाण है।भक्तगण इस मंदिर में अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्रद्धा भाव से आते हैं और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करते हैं। इसमें हम आपको इस मंदिर के बारे में गहरी जानकरी दे रहे है, जो आपके लिए बहुत उपयोगो होगी-
मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
भगवान गणेश, जिन्हें ‘विघ्नहर्ता’ और ‘बुद्धि-दाता’ के रूप में जाना जाता है, इस मंदिर में विराजमान हैं और भक्तगण यहाँ आकर अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि यहाँ सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य फलदायी होती है। विशेष रूप से नई शुरुआत, व्यापार, करियर, शिक्षा, विवाह और संतान सुख की कामना के लिए यह मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है।
Khade Ganesh Ji Mandir कैसे पहुंचे?
यह मंदिर Ward No.5, MBS Road, Ganesh Nagar, Kota, Rajasthan – 324007, India में स्थित है और हर दिन सैकड़ों भक्त यहाँ भगवान गणेश के दर्शन करने आते हैं। यदि आप राजस्थान के कोटा शहर स्थित Khade Ganesh Ji Mandir Kota की यात्रा करना चाहते हैं, तो यहां पहुंचने के लिए फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध है:
- फ्लाइट द्वारा: कोटा में कोई हवाई अड्डा नहीं है। निकटतम सांगानेर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जयपुर है, जो कोटा से लगभग 245 किलोमीटर दूर है। यहां से बस या टैक्सी द्वारा आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
- रेल मार्ग द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन कोटा रेलवे जंक्शन है, जो देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा है। रेलवे स्टेशन से खड़े गणेश जी का मंदिर की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है, जिसे आप कैब या टैक्सी से तय कर सकते हैं।
- सड़क मार्ग द्वारा: कोटा शहर प्रमुख राजमार्गों से जुड़ा हुआ है। देश के विभिन्न शहरों से कोटा तक सीधी बस सेवा उपलब्ध है। कोटा पहुंचने के बाद, आप कैब या टैक्सी से मंदिर तक आसानी से जा सकते हैं।
मंदिर में पूजन और आरती का समय
पूजा का प्रकार | समय |
---|---|
प्रातःकालीन आरती | 6:00 AM |
मध्यान्ह आरती | 12:00 PM |
संध्या आरती | 7:00 PM |
विशेष अभिषेक एवं हवन | बुधवार और गणेश चतुर्थी पर |
मंदिर के दर्शन का समय
- प्रातः काल: सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक।
- सायंकाल: शाम 4:00 बजे से रात 6:45 बजे तक।
- विशेष अवसरों पर मंदिर का समय बढ़ाया जाता है।
गणेश मंदिर की विशेषताएँ
- मनमोहक गणेश प्रतिमा: मंदिर में भगवान गणेश की भव्य और सुंदर प्रतिमा स्थापित है, जो भक्तों के मन को असीम शांति और सकारात्मकता प्रदान करती है।
- विशेष पूजा और अनुष्ठान: यहाँ प्रतिदिन विशेष आरती और पूजा की जाती है। बुधवार को विशेष पूजा का आयोजन होता है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर में विशेष हवन, भजन-कीर्तन और भव्य झाँकी सजाई जाती है।
- शुभ विवाह एवं संतान सुख: ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त गणेश जी की पूजा यहाँ आकर करते हैं, उनके विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
भक्तों के लिए सुविधाएँ
- मंदिर में बैठने की उचित व्यवस्था, प्रसाद वितरण, और धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण उपलब्ध है।
- Khade Ganesh Ji Ka Mandir Kota पर समय-समय पर धार्मिक कार्यक्रम, भजन संध्या और सत्संग का आयोजन किया जाता है।
Khade Ganesh Ji Mandir Kota की मान्यताएँ
- विघ्नहर्ता के रूप में प्रसिद्ध: भक्तों का मानना है कि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और गणेश जी उनका मार्ग प्रशस्त करते हैं।
- करियर और व्यापार में सफलता: विद्यार्थी और व्यवसायी यहाँ विशेष पूजा करवाते हैं ताकि वे अपनी शिक्षा और व्यापार में सफल हो सकें।
- संकटों से मुक्ति: संकष्टी चतुर्थी के दिन यहाँ विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे भक्तों को उनके जीवन की समस्याओं से राहत मिलती है।
Khade Ganesh Ji Ka Mandir Kota श्रद्धालुओं के लिए न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक शांति प्रदान करने वाला स्थान भी है। यहाँ की पवित्रता, धार्मिक अनुष्ठान और गणेश जी की कृपा भक्तों को अपार सुख-समृद्धि प्रदान करती है। यदि आप राजस्थान के कोटा शहर में हैं, तो खड़े गणेश जी मंदिर के दर्शन अवश्य करें और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करें।
FAQ
इस गणेश मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?
यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर में कौन-कौन से प्रमुख उत्सव मनाए जाते हैं?
गणेश चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी, दीपावली, और बुधवार की विशेष पूजा यहाँ धूमधाम से मनाई जाती हैं।
क्या मंदिर में विशेष आरती होती है?
हाँ, सुबह और शाम को विशेष महा आरती होती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त भाग लेते हैं।
मंदिर में भीड़ कब अधिक होती है?
बुधवार, गणेश चतुर्थी और अन्य त्योहारों के दिन यहाँ बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
मैं रोहन पंडित, एक श्रद्धालु और हरिद्वार के एक शिव मंदिर में पुजारी हूँ। मैं भक्तों को आरती, मंत्र, चालीसा, स्तोत्र और भजनों की विस्तृत जानकारी अपने वेबसाइट के माध्यम से प्रदान करता हूँ, साथ ही उन्हें पीडीएफ में उपलब्ध कराता हूँ। View Profile 🙏🚩