जिंदगी के चार दिन गुजार चले

यह जीवन अनमोल है, लेकिन यह क्षणभंगुर भी है। जिंदगी के चार दिन गुजार चले भजन हमें यह एहसास कराता है कि समय तेजी से बीतता जा रहा है, और अंत में केवल प्रभु की भक्ति ही हमारे साथ रहती है। यह भजन हमें श्रीकृष्ण की शरण में जाने की प्रेरणा देता है, ताकि हम जीवन के हर क्षण को उनकी कृपा में बिताएं और सच्चे आनंद को प्राप्त करें।

Zindagi Ke Char Din Gujar Chale

जिंदगी के चार दिन गुजार चले,
जितना हो सका तुम्हे पुकार चले,
जितना हो सका तुम्हे पुकार चले,
ज़िन्दगी के चार दिन गुजार चले।।1।।

तुम ना आये ये मेरा वक्त रुक्सत आया,
तुम ना आये ये मेरा वक्त रुक्सत आया,
जान अपनी ये तुमपे वार चले,
जितना हो सका तुम्हे पुकार चले,
ज़िन्दगी के चार दिन गुजार चले।।2।

तेरी गलियों में आ गया हूँ दीवाना बनके,
तेरी गलियों में आ गया हूँ दीवाना बनके,
सोचा फिर से तुम्हे निहार चले,
जितना हो सका तुम्हे पुकार चले,
ज़िन्दगी के चार दिन गुजार चले।।3।

तेरी मोहब्बत में हो ही गए हम पागल,
तेरी मोहब्बत में हो ही गए हम पागल,
‘चित्र विचित्र’ ये दिल हार चले,
जितना हो सका तुम्हे पुकार चले,
ज़िन्दगी के चार दिन गुजार चले।।4।

जिंदगी के चार दिन गुजार चले,
जितना हो सका तुम्हे पुकार चले,
जितना हो सका तुम्हे पुकार चले,
ज़िन्दगी के चार दिन गुजार चले।।5।

जो समय बीत गया, वह लौटकर नहीं आता, लेकिन कृष्ण भक्ति हमें शाश्वत आनंद की ओर ले जाती है। इसलिए, ऐसे ही मधुर भजनों को पढ़ें और करें, जैसे तेरे दर्शन की अखियों को प्यास है, वृन्दावन में मैं चला आया, मोहे लागी लगन राधा वल्लभ से और जय जय हो प्यारे नंदलाल की जय बोलो गोपाल की, ताकि जीवन का हर क्षण श्रीकृष्ण की भक्ति में रसमय हो जाए। 🙏💙

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