प्रथम गणराज को सुमिरूँ जो रिद्धि सिद्धि दाता है भजन लिरिक्स

प्रथम गणराज को सुमिरूँ जो रिद्धि सिद्धि दाता है – यह भजन भगवान गणेश जी की महिमा का गुणगान करता है। वे ही प्रथम पूज्य हैं, जो हर कार्य में सफलता प्रदान करते हैं और अपने भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं। जब भी कोई शुभ कार्य शुरू होता है, तो सबसे पहले गणपति बप्पा का सुमिरन किया जाता है, क्योंकि वे ही रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भगवान गणेश जी की आराधना करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

Pratham Ganraj Ko Sumirun Jo Ridhi Sidhi Data Hai

जो रिद्धि सिद्धि दाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूँ,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।1।

मेरी अरदास सुन देवा,
तू मूषक चढ़ के आ जाना,
सभा के मध्य आकर के,
हमारी लाज रख जाना,
हमारी लाज रख जाना,
करूँ विनती मैं झुक उनकी,
माँ गौरी जिनकी माता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।2।

क्रिया ना मन्त्र मैं जानू,
शरण में तेरी आया हूँ,
मेरी बिगड़ी बना देना,
चढाने कुछ ना लाया हूँ,
चढाने कुछ ना लाया हूँ,
करूँ कर जोड़ नम नम के,
जो मुक्ति के प्रदाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।3।

सुनो शंकर सुवन मुझको,
अबुद्धि ज्ञान दे जाओ,
अँधेरे में भटकते को,
धर्म की राह दिखलाओ,
धर्म की राह दिखलाओ,
‘अनिल’ विनती करे उनकी,
विनायक जो कहाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।4।

जो रिद्धि सिद्धि दाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूँ,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।5।

भगवान गणेश जी की वंदना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। उनकी कृपा से भक्तों को रिद्धि-सिद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है। यदि यह भजन आपके मन को भक्तिरस से भर गया हो, तो जय जय गणपति गजानंद तेरी जय होवे, गौरी नंदन श्री गणेश विघ्न सब आन हरो देवा, गणपति के गुण गाते चलो और गजानन के गुण गाये जा तू सोये भाग्य जगाये जा जैसे अन्य गणेश भजनों को भी पढ़ें और गणपति बप्पा की असीम कृपा प्राप्त करें। गणपति बप्पा मोरया!

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