ॐ जय गौरी नंदा प्रभु जय गौरी नंदा श्री गणेश आरती लिरिक्स

भगवान गणेश, जो समस्त विघ्नों का नाश करने वाले और शुभता के प्रतीक हैं, उनकी महिमा का वर्णन करना हर भक्त के लिए सौभाग्य की बात होती है। जब भी हम किसी शुभ कार्य का आरंभ करते हैं, तो सबसे पहले श्री गणेश जी का स्मरण करते हैं, ताकि हमारे सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न हो सकें। यह भजन भगवान गणेश की कृपा पाने और उनकी असीम भक्ति में लीन होने का सुंदर माध्यम है।

Om Jay Gauri Nanda Prabhu Jay Gauri Nanda

ॐ जय गौरी नंदा,
प्रभु जय गौरी नंदा,
गणपति आनंद कंदा,
गणपति आनंद कंदा,
मैं चरणन वंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।1।

सूंड सूंडालो नयन विशालो,
कुण्डल झलकंता,
प्रभु कुण्डल झलकंता,
कुमकुम केसर चन्दन,
कुमकुम केसर चन्दन,
सिंदूर बदन वंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।2।

ॐ जय गौरी नंदा,
प्रभु जय गौरी नंदा,
गणपति आनंद कंदा,
गणपति आनंद कंदा,
मैं चरणन वंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।3।

मुकुट सुगढ़ सोहंता,
मस्तक सोहंता,
प्रभु मस्तक सोहंता,
बईया बाजूबन्दा,
बईया बाजूबन्दा,
ओंची निरखंता,
ॐ जय गौरी नंदा।4।

ॐ जय गौरी नंदा,
प्रभु जय गौरी नंदा,
गणपति आनंद कंदा,
गणपति आनंद कंदा,
मैं चरणन वंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।5।

मूषक वाहन राजत,
शिव सूत आनंदा,
प्रभु शिव सूत आनंदा,
कहत शिवानन्द स्वामी,
जपत शिवानन्द स्वामी,
मिटत भव फंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।6।

ओम जय गौरी नंदा,
प्रभु जय गौरी नंदा,
गणपति आनंद कंदा,
गणपति आनंद कंदा,
मैं चरणन वंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।7।

श्री गणेश जी की महिमा अपार है। उनकी कृपा से भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं और जीवन में मंगलकारी राहें खुलती हैं। यदि यह भजन आपको भावविभोर कर दे, तो श्री गणेश की भक्ति में लीन होकर और भी भजनों का आनंद लें, जैसे – जय जय गणपति गौरी नंदन, गणपति तुम सब गण के राजा, रिद्धि सिद्धि के संग में हे गौरी लाल पधारो। गणपति बप्पा मोरया!

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