भगवान गणेश, जो बुद्धि और समृद्धि के दाता हैं, जब अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं, तो उनके जीवन के सारे विघ्न हर लेते हैं। ओ गणराज मेरे आया हूँ द्वार तेरे भजन में एक भक्त की गहरी श्रद्धा और समर्पण झलकता है। यह भजन भक्त और गणपति बप्पा के बीच के दिव्य संबंध को दर्शाता है, जहां भक्त अपने आराध्य के द्वार पर आकर नतमस्तक हो जाता है। आइए इस भक्तिमय रचना के माध्यम से प्रभु गणेश का गुणगान करें।
O Ganraj Mere Aaya Hu Dwar Tere
ओ गणराज मेरे,
आया हूँ द्वार तेरे,
ओ गणराज मेरें,
आया हूँ द्वार तेरे।1।
जिसने तेरे नाम को सुमरा,
जिसने तेरे नाम को सुमरा,
उसके काज सरे,
ओ गणराज मेरें,
आया हूँ द्वार तेरे।2।
बिच भंवर में नाव है मेरी,
बिच भंवर में नाव है मेरी,
तू ही तो पार करे,
ओ गणराज मेरें,
आया हूँ द्वार तेरे।3।
भोले का डमरू डम डम बोले,
भोले का डमरू डम डम बोले,
तांडव नृत्य करे,
ओ गणराज मेरें,
आया हूँ द्वार तेरे।4।
ओ गणराज मेरे,
आया हूँ द्वार तेरे,
ओ गणराज मेरें,
आया हूँ द्वार तेरे।5।
गणपति बप्पा की महिमा अपरंपार है, और उनकी आराधना से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। ओ गणराज मेरे आया हूँ द्वार तेरे जैसे भजन हमें आध्यात्मिक शांति और शक्ति प्रदान करते हैं। यदि आपको यह भजन पसंद आया, तो गजानंद कृपा बरसा दे श्री गणेश वंदना, जय गणपति वंदना गणेश जी, गजानंद बेगा आओ साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ और गजानन प्रभु तुझको आना पड़ेगा जैसे अन्य गणेश भजनों को भी अवश्य पढ़ें। इन भक्तिमय रचनाओं से गणपति बप्पा की कृपा आप पर सदैव बनी रहे। गणपति बप्पा मोरया!
मैं रोहन पंडित, एक श्रद्धालु और हरिद्वार के एक शिव मंदिर में पुजारी हूँ। मैं भक्तों को आरती, मंत्र, चालीसा, स्तोत्र और भजनों की विस्तृत जानकारी अपने वेबसाइट के माध्यम से प्रदान करता हूँ, साथ ही उन्हें पीडीएफ में उपलब्ध कराता हूँ। View Profile 🙏🚩