झूला झूले हो गजानंद झुलना भजन लिरिक्स

भगवान गणेश जी भक्तों के प्रिय और स्नेही देवता हैं, जिनकी बाल लीलाएं भक्तों को आनंद और श्रद्धा से भर देती हैं। झूला झूले हो गजानंद झूलना भजन में बप्पा को झूले में झूलते हुए देखने की दिव्य अनुभूति होती है। यह भजन प्रेम, भक्ति और आनंद से ओत-प्रोत है, जो गणपति बप्पा के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा को प्रकट करता है।

Jhula Jhule Ho Gajanand Jhulna

झूला झूले हो गजानंद झुलना,
झूले झूले हो गजानंद झुलना।1।

काहे की डाली पे झूला बंधाये,
झूला बंधाये,
झूला बंधाये,
काहे के लागे पालना,
झूले झूले हो गजानंद झुलना।2।

पीपल की डाली पे झूला बंधाये,
झूला बंधाये,
झूला बंधाये,
चंदन के लागे हो पालना,
झूले झूले हो गजानंद झुलना।3।

काहे की पलने में डोर लगाए,
डोर लगाए तुमने,
डोर लगाए,
काहे के लगाए फुँदना,
झूले झूले हो गजानंद झुलना।4।

पलने में रेशम की डोर लगाए,
डोर लगाए तुमने,
डोर लगाए,
किसम किसम के फुँदना,
झूले झूले हो गजानंद झुलना।5।

कौन गजानन्द को लोरी सुनाये,
लोरी सुनाये,
लोरी सुनाये,
कौन सुलाए पालना,
झूले झूले हो गजानंद झुलना।6।

गोरा गजानन्द को लोरी सुनाये,
लोरी सुनाये तुमको,
लोरी सुनाये,
शिवजी झुलाये पालना,
झूले झूले हो गजानंद झुलना।7।

गणपति बप्पा अपने भक्तों को आनंद, सुख और शांति प्रदान करते हैं। झूला झूले हो गजानंद झूलना भजन हमें उनकी बाल लीलाओं का स्मरण कराकर उनके प्रति प्रेम और भक्ति को और गहरा करने का अवसर देता है। अगर आप गणेश जी के और भी भजनों की भक्ति में रमना चाहते हैं, तो ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे, जय गणेश जय महादेवा, गजानंद नाव मेरी पड़ी मझधार है, गौरी के नंदा गजानन, गौरी के नंदा जैसे भजनों को भी पढ़ें और बप्पा की कृपा का अनुभव करें।

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