जय जय हे गणपति तुम्हारी भजन लिरिक्स

जय जय हे गणपति तुम्हारी भजन भगवान गणेश जी की महिमा का गुणगान करता है। यह भजन हमें यह स्मरण कराता है कि गणपति बप्पा ही समस्त विघ्नों का नाश करने वाले, बुद्धि और सिद्धि के दाता हैं। जब भक्त सच्चे मन से उनकी वंदना करता है, तो वे अपनी कृपा से जीवन को सफल और सुखमय बना देते हैं। इस भजन के माध्यम से हम गणेश जी की भक्ति में लीन होकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

Jay Jay Hey Ganpati Tumhari

जय जय हे गणपति तुम्हारी,
तीनों लोक में सबसे पहले,
होती पूजा तुम्हारी,
जय जय हें गणपति तुम्हारी।1।

तुम रिद्धि सिद्धि के दाता,
तुम्हीं सबके भाग्य विधाता,
तुम देवों के देव हो दाता,
अद्भुत महिमा तुम्हारी,
जय जय हें गणपति तुम्हारी।2।

लड्डू का प्रिय भोग तुम्हारा,
वाहन मूषक का अति प्यारा,
जो भी आता शरण तुम्हारी,
पाए कृपा तुम्हारी,
जय जय हें गणपति तुम्हारी।3।

लालन का सुख वांझन पाए,
अंधा नैनों का सुख पाए,
सेवक ‘शिव’ चरणों का दाता,
चाहे सेवा तुम्हारी,
जय जय हें गणपति तुम्हारी।4।

जय जय हे गणपति तुम्हारी,
तीनों लोक में सबसे पहले,
होती पूजा तुम्हारी,
जय जय हें गणपति तुम्हारी।5।

जय जय हे गणपति तुम्हारी भजन हमें गणपति बप्पा की असीम कृपा का अनुभव कराता है। उनकी भक्ति से हर संकट दूर हो जाता है और जीवन में शुभता का संचार होता है। जो कोई सच्चे हृदय से गणेश जी की आराधना करता है, उसे उनकी कृपा सदैव प्राप्त होती है। यदि यह भजन आपको भक्ति-रस में डुबो चुका है, तो कौन कहते हैं गणराज आते नहीं, पत राखो गौरी के लाल, हम तेरी शरण आए, गजानंद जी ने ल्यावो रे, मनाय वारी जाऊं चरणन में और जय गणेश जय मेरे देवा जैसे अन्य भजनों को भी करें और गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त करें। गणपति बप्पा मोरया!

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