गौरी तनय गणपति को दो फूल चढ़ाते हैं भजन लिरिक्स

भगवान गणेश जी, जो माता गौरी और भगवान शिव के प्रिय पुत्र हैं, भक्तों के कष्ट हरने वाले और समृद्धि प्रदान करने वाले देवता माने जाते हैं। जब भी कोई भक्त श्रद्धा और प्रेम से उन्हें स्मरण करता है, वे उसकी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं। गौरी तनय गणपति को दो फूल चढ़ाते हैं भजन में भक्त अपनी भक्ति को व्यक्त करते हुए गणेश जी को प्रेम और समर्पण के पुष्प अर्पित करते हैं। यह भजन हमें यह सिखाता है कि सच्चे हृदय से की गई पूजा ही सबसे फलदायी होती है।

Gauri Tanay Ganpati Ko Do Phul Chadhate Hai

गौरी तनय गणपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं,
सब काम सिद्ध कर दो,
ये अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गनपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।1।

जहाँ जय गणेश गूंजे,
सब विघ्न दूर होते,
कृपा के सिंधू हैं वो,
शुभ फल जरुर देते,
क्या ले उन्हें मनाऊँ,
क्या ले उन्हें मनाऊँ,
बस शीश झुकाते हैं,
सब काम सिद्ध कर दो,
ये अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गनपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।2।

पृथ्वी को घुम आओ,
भाई से बाजी लागे,
माता पिता को घुमे,
बुद्धि में भये आगे,
बुद्धि के विधाता को,
बुद्धि के विधाता को,
मैं याद दिलाता हूँ,
सब काम सिद्ध कर दो,
ये अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गनपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।3।

हे चार भुजा धारी,
लगते हैं तन के भारी,
चुहे पे कैसे चढ़कर,
करते हैं वो सवारी,
ऐसे है वो विज्ञानी,
ऐसे है वो विज्ञानी,
सदग्रंथ बताते हैं,
सब काम सिद्ध कर दो,
ये अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गनपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।4।

गौरी तनय गणपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं,
सब काम सिद्ध कर दो,
ये अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गनपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।5।

गणपति बप्पा की आराधना हमें सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती है। अगर यह भजन आपको भक्तिभाव से भर दे, तो पहले ध्यान श्री गणेश का मोदक भोग लगाओ, रिद्धि सिद्धि के संग में हे गौरी लाल पधारो, गणपति मेरे अंगना पधारो आस तुमसे लगाए हुए है और गजानंद स्वामी कर दो करम जैसे अन्य गणेश भजनों को भी अवश्य पढ़ें और भगवान गणपति की कृपा प्राप्त करें। गणपति बप्पा मोरया!

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