गौरी के नंदन करूँ तेरा वंदन भजन लिरिक्स

गौरी के नंदन करूँ तेरा वंदन भजन भगवान गणेश जी के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करता है। यह भजन उनके दिव्य रूप और महिमा का गुणगान करते हुए भक्तों से भगवान गणेश के आशीर्वाद की प्रार्थना करता है। इस भजन में गणेश जी के साथ-साथ उनकी माता गौरी की भी पूजा की जाती है, क्योंकि गणेश जी उनकी कोख से उत्पन्न हुए थे। यह भजन हर दिल में विश्वास और भक्ति को जागृत करता है।

Gauri Ke Nandan Karu Tera Vandan Bhajan Lyrics

गौरी के नंदन, करूँ तेरा वंदन,
आकर के मेरा कारज सँवारो,
यही प्रार्थना है, यही याचना है,
रिद्धि-सिद्धि के संग आकर पधारो।।

बल बुद्धि विद्या मंगल के दाता,
तुम हो वरदाता भाग्य विधाता,
गौरा के प्यारे शिव के दुलारे,
विघ्न विनाशक स्वामी संकट निवारो,
यही प्रार्थना है, यही याचना है,
रिद्धि-सिद्धि के संग आकर पधारो।।

कानों में कुण्डल मुकुट सोहे माथे,
गले पुष्प माला फरसा है हाथे,
आते हैं सुनकर भक्तों की विनंती,
सच्चे हृदय से जब भी पुकारो,
यही प्रार्थना है, यही याचना है,
रिद्धि-सिद्धि के संग आकर पधारो।।

किये ऐसे कारज कि देवों ने माना,
प्रथम पूज्य तुमको दुनिया ने जाना,
हे मुक्तिदाता करें याद तुमको,
‘परशुराम’ चाहे दरशन तिहारो,
यही प्रार्थना है, यही याचना है,
रिद्धि-सिद्धि के संग आकर पधारो।।

गौरी के नंदन, करूँ तेरा वंदन,
आकर के मेरा कारज सँवारो,
यही प्रार्थना है, यही याचना है,
रिद्धि-सिद्धि के संग आकर पधारो।।

यह भजन भगवान गणेश की महिमा का पवित्रतम स्वरूप है। गौरी के नंदन करूँ तेरा वंदन भजन का उद्देश्य भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करना है। इस भजन के माध्यम से हम सभी बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गणेश जी के चरणों में हमारे सभी कार्य सफल हों और हमारा जीवन सुखमय हो, यही प्रार्थना इस भजन का मुख्य संदेश है। गणपति बप्पा मोरया!

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